आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ब्लूचिप का 16 साल में 9 गुना से ज्यादा रिटर्न
मुंबई- म्यूचुअल फंड में अगर आप लंबे समय तक निवेश करते हैं तो आपको बेहतर रिटर्न मिलता है। उदाहरण के तौर पर आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के ब्लू चिप फंड में किसी ने अगर इसकी शुरुआत यानी मई, 2008 में एक लाख रुपये का निवेश किया होगा तो वह रकम इस साल मार्च तक 9.6 लाख रुपये हो गई है। यानी 9 गुना से ज्यादा का रिटर्न मिला है।
आईसीआईसीआई ब्लूचिप मूलरूप से लार्ज कैप शेयरों में निवेश करता है। जब लार्ज कैप निवेश की बात आती है, तो निवेशकों के पास चुनने के लिए विभिन्न प्रकार के लार्ज कैप म्यूचुअल फंड होते हैं। लार्ज कैप फंड होने के नाते, इस स्कीम का निवेश बाजार पूंजीकरण के हिसाब से शीर्ष 100 कंपनियों में होता है। फंड बॉटम अप स्टॉक चुनने के दृष्टिकोण का पालन करता है। यह फंड बहुत बड़े क्षेत्रों को ध्यान में नहीं रखता है, लेकिन क्षेत्रों के भीतर, इसका लक्ष्य सबसे आशाजनक दृष्टिकोण वाले शेयरों को चुनना है।
कंपनी के डिप्टी सीआईओ (इक्विटी और स्कीम के फंड मैनेजर) अनीश तवाकले के अनुसार, किसी भी कंपनी को इस पोर्टफोलियो का हिस्सा बनने के लिए, एक कंपनी को तीन शर्तों को पूरा करना होगा। इसमें लाभप्रदता का ट्रैक रिकॉर्ड, बाजार में अग्रणी और उचित संयोजन क्षमता।
अपने पूरे इतिहास में फंड ने 2008 के वित्तीय संकट, 2013 की ब्याज दर में बढ़ोतरी और 2020 की कोविड-19 महामारी सहित विभिन्न बाजार घटनाओं का सामना किया है। इनमें से प्रत्येक चरण में फंड ने कम अस्थिरता का प्रदर्शन किया है।
इस फंड ने 2008 से अब तक सालाना 15.33% फीसदी चक्रवृद्धि दर से रिटनई दिया है। इसकी तुलना में इसके बेंचमार्क निफ्टी 100 टीआरआई में 14.09% सीएजीआर का रिटर्न मिला है। फंड का एसआईपी रिटर्न भी प्रभावशाली रहा है। 10,000 रुपये का एसआईपी के जरिये 16 साल में कुल 19 लाख रुपये का निवेश अगर किसी ने किया होगा तो इसका मूल्य 78.32 लाख रुपये हो गया है। यानी 16.15% का रिटर्न। बेंचमार्क में इसी निवेश पर केवल 14.30% का रिटर्न मिला है।
पिछले एक साल में फंड ने 42.23% का रिटर्न दिया है जबकि इसके बेंचमार्क ने केवल 34.97% का रिटर्न दिया है, जो 7.26% अधिक है। तीन और पांच साल के रिटर्न का भी यही ट्रेंड रहा है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ब्लूचिप का कुल एयूएम इस समय 51,554.28 करोड़ रुपये है। फंड की शीर्ष होल्डिंग्स में वित्तीय सेवाओं (22%), तेल, गैस और ईंधन (12.92%), ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स (10.23%) और आईटी (8.99%) सेक्टर हैं।