अब 14 साल पुराने 25000 रुपये के टैक्स विवाद को सरकार लेगी वापस
मुंबई- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अंतरिम बजट पेश करते हुए एक अहम ऐलान किया। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में 25 हजार रुपये तक के सभी विवादित बकाया टैक्स डिमांड को वापस लेने की घोषणा की है। ऐसे टैक्स डिमांड वाले सभी रिटर्न को ऑटोमेटिक क्लियर कर दिया जाएगा। इसके लिए टैक्सपेयर को कुछ करने की जरूरत नहीं होगी। यह घोषणा टैक्सपेयर्स की जिंदगी को आसान बनाने के लिए की गई है।
इस कदम से 1 करोड़ टैक्सपेयर्स को फायदा होगा। बड़ी संख्या में छोटी, नॉन-वेरिफाइड, विवादित डायरेक्ट टैक्स डिमांड हैं। उनमें से कई साल 1962 से पुरानी हैं। यह बही-खातों में बनी हुई हैं। इससे ईमानदार टैक्सपेयर्स को चिंता हो रही है। इन डिमांड से बाद के वर्षों के रिफंड में बाधा आ रही है। मैं ऐसे बकाया प्रत्यक्ष टैक्स को वापस लेने का प्रस्ताव करती हूं।
वित्त वर्ष 2009-10 तक की अवधि के लिए यह 25,000 रुपये तक और वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2014-15 के लिए 10,000 रुपये तक है। इससे लगभग एक करोड़ करदाताओं को फायदा होने की उम्मीद
सरकार के इस कदम से टैक्सपेयर सर्विस को बढ़ाने में यह कदम मददगार होगा। वित्त वर्ष 2009-10 तक की अवधि के लिए 25,000 रुपये और वित्त वर्ष 2010-11 से वित्त वर्ष 2014-15 की अवधि के लिए 10,000 रुपये तक की विवादित आयकर मांगों को वापस लेने का प्रस्ताव सराहनीय है।