कर कटौती का गलत दावा कर 90 हजार वेतनभोगी ने लिए 1,070 करोड़ रुपये

मुंबई- सरकारी और निजी क्षेत्र के करीब 90,000 वेतनभोगी लोगों ने कर कटौती का गलत दावा कर 31 दिसंबर, 2024 तक 1,070 करोड़ रुपये आयकर विभाग से वापस लिए हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया, विभिन्न व्यक्तियों ने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में अलग-अलग धाराओं का उपयोग कर यह दावा किया है। इससे सरकार को मिलने वाले कर में कमी आ रही है। हालांकि, बाद में इन सभी ने गलत दावा वापस ले लिया है और अतिरिक्त कर का भुगतान किया है।

आयकर विभाग द्वारा किए गए विभिन्न खोज और जब्ती और सर्वेक्षण कार्यों के दौरान यह जानकारी सामने आई है। जांच के दौरान पता चला कि ऐसे व्यक्ति सरकारी कंपनियों, बड़े निगमों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले संगठनों के कर्मचारी हैं। गलत कटौती का दावा करने वालों में से ज्यादातर एक ही कंपनी में काम कर रहे थे।

विभाग के पास मौजूद जानकारी के विश्लेषण से पता चला कि करदाताओं द्वारा आईटीआर में दावा की गई कुल कटौती के बीच बड़ा बेमेल है। इनके द्वारा आईटीआर में दिखाई गई कुल प्राप्तियों के बीच बहुत बड़ा अंतर है। कुछ धाराओं के तहत दावा की गई कटौती भी संदिग्ध प्रतीत होती है। सामान्य नियोक्ताओं की पहचान की गई है और कर विभाग फर्जी कटौती का दावा करने वालों में से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच जाएगा।

आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार, करदाता निर्धारण वर्ष 2022-23 से 2024-25 के लिए प्रासंगिक मूल्यांकन वर्ष के अंत से दो साल के भीतर त्रुटियों को सुधारते हुए कुछ अतिरिक्त कर के भुगतान पर अपडेट रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

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