ऊंची कीमतों से मार्च तिमाही में सोने की मांग 17 फीसदी से ज्यादा घटी
मुंबई। कीमतों में उतार-चढ़ाव से खपत पर असर और ज्यादा भाव के चलते जनवरी से मार्च तिमाही में सोने की मांग 17 फीसदी घटकर 112.5 टन रह गई है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, एक साल पहले इसी अवधि में यह 135.5 टन रही थी। काउंसिल ने कहा कि इस पूरे साल मांग में गिरावट रहने के आसार हैं।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, ऊंची कीमतों से सोने के गहनों की मांग ज्यादा प्रभावित हुई है। यह एक साल पहले 94.2 टन के मुकाबले घटकर 78 टन रह गई है। 2010 से लेकर अब तक अगर महामारी की अवधि को छोड़ दें तो यह चौथी बार है जब पहली तिमाही में सोने की मांग में गिरावट आई है।
काउंसिल के मुताबिक, सोने की कीमतों में तेज वृद्धि इस दौरान शुभ दिनों के काफी कम होने और आगे कीमतों में गिरावट की उम्मीद में लोगों ने शायद सोना खरीदने की योजना को टाल दिया। वैश्विक कारकों, मुख्य रूप से अमेरिकी ब्याज दर व डॉलर की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ-साथ रुपये में गिरावट ने सोने की कीमतों को 60,000 रुपये से ऊपर ही बनाए रखा है। यह पिछले साल की तुलना में लगभग 19 फीसदी अधिक है।
सोने के निवेश की मांग पहली तिमाही में 8 फीसदी घटकर 17,200 करोड़ रुपये रही है जो एक साल पहले 18,750 करोड़ रुपये थी। रिसाइकल सोने की मांग 25 फीसदी बढ़कर 34.8 टन रही जो एक साल पहले 27.8 टन रही थी।
पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच मूल्य के लिहाज से कुल 56,220 करोड़ रुपये के सोने खरीदे गए। एक साल पहले समान अवधि में यह 61,540 करोड़ रुपये था। इसी दौरान गहनों की मांग का कुल मूल्य 9 फीसदी घटकर 39,000 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 42,800 करोड़ रुपये था। निवेश के लिए खरीदने जाने वाले सोने के छड़ों और सिक्कों की मांग भी घट गई। यह 41.3 टन से 19 फीसदी गिरकर 34.4 टन रह गई।