पूरे साल में 5 फीसदी से ऊपर रहेगी मंहगाई, आपको जेब करनी होगी ढीली
मुंबई- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नए वित्त वर्ष (2022-2023) की पहली बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट को 4% और रिवर्स रेपो को 3.35% पर जस का तस रखा है। यानी आपकी EMI पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यह लगातार 11वीं बार है जब केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट स्थिर रखा है।
वहीं RBI ने FY23 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 7.8% से घटाकर 7.2% कर दिया है। महंगाई दर का अनुमान 4.5% से बढ़ाकर 5.7% किया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि दरों को लेकर अकोमोडेटिव रुख बरकरार है। सभी सदस्यों की सहमति से ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बाजार से लिक्विडिटी को धीरे-धीरे बाहर निकालने की भी बात कही।
वहीं RBI गवर्नर ने सप्लाई चेन पर चिंता जताते हुआ कहा कि सप्लाई चेन को लेकर ग्लोबल मार्केट दबाव में है। महंगाई को लेकर RBI गवर्नर ने कहा कि फरवरी के अंत से कच्चे तेल की कीमतों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव और जियो पॉलिटिकल टेंशन से अनिश्चितता को देखते हुए, ग्रोथ और महंगाई का अनुमान जोखिम से भरा है।
RBI ने पहली तिमाही में महंगाई दर 6.3%, दूसरी तिमाही में 5%, तीसरी तिमाही में 5.4% और चौथी तिमाही में 5.1% रहने का अनुमान जताया है। RBI हर दो महीने पर पॉलिसी रिव्यू मीटिंग करता है। पिछली बार 22 मई 2020 को रेपो रेट में बदलाव हुआ था। तब से रेपो रेट 4% के ऐतिहासिक निचले स्तर पर बना हुआ है।
रेपो रेट वह रेट होता है जिस पर RBI से बैंकों को कर्ज मिलता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस दर पर बैंकों को RBI के पास अपना पैसा रखने पर ब्याज मिलता है। बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा, ‘क्रेडिट पॉलिसी ने GDP और महंगाई दोनों के अनुमानों में बदलावों से बाजारों को चौंका दिया है। GDP ग्रोथ का अनुमान घटाकर 7.2% और महंगाई का अनुमान बढ़ाकर 5.7% करना स्पष्ट संकेत है कि आने वाले दिनों में रेपो रेट में बढ़ोतरी की जाएगी।