कृषि की बेहतर उपज से आने वाले समय में खाने-पीने के सामान होंगे सस्ते
मुंबई- कृषि की बेहतर उपज से आने वाले महीनों में खाने पीने वाली जरूरी वस्तुओं की महंगाई में गिरावट आएगी। वित्त मंत्रालय ने अक्तूबर की मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा, मानसून की अच्छी स्थिति, बढ़े हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य और खेती में इस्तेमाल होने वाले माल की पर्याप्त आपूर्ति से कृषि क्षेत्र को लाभ मिलने की संभावना है।
देश की खुदरा महंगाई दर अक्तूबर में 6.21 प्रतिशत रही है, जो कि 14 महीनों का सबसे उच्चतम स्तर था। इसकी वजह प्रमुख उत्पादक राज्यों में भारी बारिश से आपूर्ति में व्यवधान के कारण टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों पर दबाव बढ़ना था। मानसून के महीनों में कुछ समय तक धीमी गति के बाद भारत में आर्थिक गतिविधि के कई हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर में अक्तूबर में सुधार देखने को मिला है।
नवंबर की शुरुआत के रुझानों और खरीफ की बंपर फसल से आने वाले महीनों में खाद्य महंगाई के कम होने की उम्मीद है। हालांकि,बाहरी सेक्टर को लेकर चिंताएं बरकरार हैं। रिपोर्ट के अनुसार, रूस और यूक्रेन में युद्ध ने वित्तीय बाजारों के लिए चिंता पैदा की है। इसके कारण अमेरिकी ट्रेजरी और गोल्ड जैसी सुरक्षित संपत्तियों की मांग में बढ़त देखी गई है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर देशों के बीच राजनीतिक स्थितियां नाजुक बनी हुई हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, औपचारिक कार्यबल का विस्तार हो रहा है। विनिर्माण नौकरियों में उल्लेखनीय वृद्धि और संगठित क्षेत्रों में युवा बढ़ रहे हैं। विकसित बाजारों में मांग में नरमी के कारण भारत के निर्यात सुधार को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

