खत्म होंगे डब्ल्यूटीओ में छह विवाद, भारत 28 अमेरिकी उत्पादों पर नहीं वसूलेगा सीमा शुल्क 

मुंबई- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे से भारत को बड़ी सफलता मिली है। दोनों देश विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में छह व्यापार विवादों को समाप्त करने पर सहमत हुए हैं। साथ ही भारत बादाम, अखरोट और सेब जैसे 28 अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिशोधात्मक सीमा शुल्क भी हटाएगा। अमेरिका ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर यह जानकारी दी। 

इन छह विवादों में तीन भारत ने शुरू किए थे और तीन अमेरिका ने शुरू किए थे। संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन ताई ने एक बयान में कहा, ये टैरिफ कटौती अमेरिकी कृषि उत्पादकों और निर्माताओं के लिए बाजार के अवसरों को बहाल करने के साथ इसे बढ़ाएगी। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, दोनों देशों ने व्यापार संबंधों सहित अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए हैं। 

भारत से कुछ हॉट-रोल्ड कार्बन स्टील फ्लैट उत्पादों पर प्रतिकारी उपाय, सौर कोशिकाओं और मॉड्यूल से संबंधित कुछ उपाय, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित उपाय, निर्यात-संबंधी उपाय, स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादों पर कुछ उपाय और अतिरिक्त शुल्क शामिल हैं। 

2018 में अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर कुछ स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादों पर क्रमशः 25 फीसदी और 10 फीसदी आयात शुल्क लगाया। जवाबी कार्रवाई में भारत ने जून 2019 में चना, दाल, बादाम, अखरोट, सेब सहित 28 अमेरिकी उत्पादों पर सीमा शुल्क लगाया। अमेरिका ने निर्यात क्षेत्र को भारत के समर्थन उपायों के बारे में डब्ल्यूटीओ में शिकायत दर्ज की थी। 2019 में डब्ल्यूटीओ विवाद पैनल ने फैसला सुनाया कि भारत के निर्यात उपाय वैश्विक व्यापार मानदंडों के साथ असंगत हैं। 

अमेरिका भारत का बड़ा कारोबारी भागीदार है। 2022-23 में दोनों के बीच 128.8 अरब डॉलर का कारोबार हुआ जो 2021-22 में 119.5 अरब डॉलर था। भारत और अमेरिका घरेलू निर्यातकों को जीएसपी लाभ बहाल करने की भारत की मांग पर चर्चा करने के लिए सहमत हुए हैं। समाधान खोजने के लिए दोनों चर्चा शुरू करेंगे। ट्रम्प प्रशासन ने 2019 में भारत से सामान्यीकृत प्राथमिकता प्रणाली (जीएसपी) को रद्द कर दिया था।  

जीएसपी से विकासशील देशों को अमेरिका में शुल्क-मुक्त सामान निर्यात करने की मंजूरी मिलती है। 1976 में शुरू की गई जीएसपी के तहत रसायन और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों के लगभग 1,900 भारतीय उत्पादों को अमेरिकी बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच मिल रही थी। भारत 2030 तक 100 अरब डॉलर का सेमी-कंडक्टर बाजार होगा। 

मोदी और बाइडन ने भारत के सेमीकंडक्टर विकास लक्ष्यों में तेजी लाने के लिए सेमीवर्स सॉल्यूशन वर्चुअल फैब्रिकेशन प्लेटफॉर्म के माध्यम से 60,000 भारतीय इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने के प्रस्ताव और एक सहयोगी इंजीनियरिंग केंद्र स्थापित करने के लिए 40 करोड़ डॉलर का निवेश करने के लिए एप्लाइड मैटेरियल्स इंक की घोषणा का भी स्वागत किया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान माइक्रोन, एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च जैसी कंपनियों की घोषणाएं एक बड़ा मील का पत्थर है। यह देश में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के विस्तार में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन घोषणाओं से आपूर्ति श्रृंखला में अप्रत्यक्ष नौकरियों के अलावा कम से कम 80,000 प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी। 

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