आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फंड का परिवहन और लॉजिस्टक एनएफओ

मुंबई- अब जबकि विलासिता की चीजें तेजी से आवश्यकताएं बनती जा रही हैं, अधिक से अधिक लोग वाहन, मोटरसाइकिल और कार खरीदेंगे। वर्तमान में, भारत में प्रति 1000 व्यक्तियों पर केवल 24 कारें हैं। भारत को अभी भी ऑटो के मामले में एक लंबा रास्ता तय करना है। इसी पर आधारित आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने एक एनएफओ लांच किया है जो 20 अक्तूबर को बंद होगा।

कई वैश्विक और स्थानीय वित्तीय संस्थानों और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के अनुमानों के अनुसार, जैसे ही कोविड युग के बाद घरेलू अर्थव्यवस्था अपनी राह पकड़ती है, हमारे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वित्त वर्ष 2023 में 7% बढ़ने की उम्मीद जताई गई है। एक आम निवेशक के रूप में, व्यापक आर्थिक पुनरुद्धार में भाग लेने का एक तरीका उन सेक्टरों में निवेश करना है जो मजबूत जीडीपी की वृद्धि से सबसे अधिक लाभ प्राप्त करेंगे।

इस संबंध में, ट्रांसपोर्ट सेगमेंट- ऑटो ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम), ऑटो कलपुर्जे और लॉजिस्टिक्स सेक्टर निवेशकों के लिए बाजार की तेजी से अर्थव्यवस्था के बढ़ने के साथ लाभ के लिए सबसे ज्यादा मुफीद होंगे। पिछले कुछ सालों से मंदी की स्थिति में रहने के बाद ये सेक्टर अगले कई सालों में दनादन मुनाफा देने के लिए तैयार हैं। खुदरा निवेशकों के लिए इस तेजी का फायदा उठाने के लिए सबसे अच्छा तरीका म्यूचुअल फंड मार्ग के माध्यम से ट्रांसपोर्टेशन एंड लॉजिस्टिक्स थीम वाले फंड में निवेश है।

पिछले कुछ सालों से लेकर 2021 की शुरुआत तक धीमा रहने के बाद, ऑटोमोबाइल सेक्टर एक मजबूत पुनरुद्धार राह पर है। अब भी यह तेजी से बढ़ रहा है। जब भी ऑटोमोबाइल अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो ऑटो कलपुर्जे भी उसी राह पर चलते हैं। इसके अलावा यात्री कार, यूटिलिटी टूल्स, मोटरसाइकिल, स्कूटर, यात्री और माल वाहक भी उत्तरोत्तर वृद्धि करते हैं। ऐसे मौके पर यहां कई तरह के कारक काम कर रहे हैं।

एशिया और पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं के कई अन्य देशों की तुलना में, भारत अभी भी प्रति 1000 व्यक्ति कारों की संख्या के मामले में निम्न स्थान पर है यहाँ 1000 लोगों के पीछे सिर्फ 24 कार ही है और यह कम आंकड़ा वाहन निर्माताओं के लिए आने वाले सालों और दशकों में कई गुना बढ़ने की व्यापक गुंजाइश प्रदान करता है।

एक सुस्त दशक के बाद, यात्री वाहनों और दोपहिया वाहनों की मात्रा में अच्छी खासी वृद्धि की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2027 के बीच, वॉल्यूम दोगुना हो सकता है और जो फिलहाल 12-15% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ रहा है। अगले कई सालों में वाहन निर्माताओं और सहायक कंपनियां जिस मजबूती से गुजरने वाली हैं, उसे देखते हुए वे राजस्व और मार्जिन में होने वाले सुधार से निश्चित लाभान्वित होगें।

ऑटोमोटिव जब सकारात्मक गति से बढ़ता है तो इसकी सहायक कंपनियों को भी लाभ होता है। इसके साथ ही साथ वाहनों के इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल पार्ट्स के निर्माता, इलेक्ट्रॉनिक डैशबोर्ड निर्माता, टायर कंपनियां, ग्लास कंपनियां, सेंसर निर्माता और कई अन्य मैन्युफैक्चरर्स भी लाभान्वित होते हैं। इस प्रकार, कंपनियों और शेयरों का एक विस्तृत दायरा लाभ उठाने के लिए इंतजार कर रहा है।

भारत का मजबूत ई-कॉमर्स क्षेत्र और इससे जुड़ी स्वस्थ संभावनाओं ने लॉजिस्टिक्स में एक महत्वपूर्ण उद्योग को जन्म दिया है, जिसमें इन्वेंट्री रखने से लेकर फुलफिलमेंट सेंटर होने और अंत में माल का परिवहन और वितरण शामिल है। फिनटेक कंपनियों के पेमेंट्स एप्स की एक उत्कृष्ट प्रणाली, देश भर में अच्छे लॉजिस्टिक्स कंपनियों की उपस्थिति और इंटरनेट उपलब्धता जैसे कारकों ने ई-कॉमर्स को आज एक नए मुकाम पर पहुंचाया है।

उपरोक्त फ़ैक्टर्स से स्पष्ट है कि ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स थीम में निवेश लंबी अवधि में लाभ कमाने का एक बड़ा अवसर है। यह देखते हुए कि यह एक थीम पर आधारित ऑफर है, निवेशकों के पास कम से कम पांच साल की निवेश समय सीमा होनी चाहिए। परिवहन सेक्टर और कार निर्माताओं के लिए चिप की कमी और ऊंचे इनपुट लागत जैसे मुद्दे अब कम हो रहे हैं। वर्तमान में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के ट्रांसपोर्टेशन एंड लॉजिस्टिक फंड के साथ इस थीम में कुछ विकल्प उपलब्ध हैं।

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