किसान विकास पत्र अब 120 के बजाय 115 महीने में परिपक्व होगा
नई दिल्ली। पीएफ जमा पर महज 0.05 फीसदी ब्याज दर बढ़ने के बाद वित्त मंत्रालय ने छोटी बचत योजना वाले लोगों को खुश कर दिया है। इन योजनाओं पर अब 0.7 फीसदी तक अधिक ब्याज मिलेगा। यह दर अप्रैल से जून तिमाही तक लागू रहेगी। साथ ही किसान विकास पत्र अब 120 के बजाय 115 महीने में परिपक्व होगा।
नई दर के मुताबिक, एक साल के टाइम डिपॉजिट पर 6.6 के बजाय अब 6.8 फीसदी ब्याज मिलेगा। दो साल के टाइम डिपॉजिट पर 6.8 के बजाय 6.9 फीसदी, तीन साल के टाइम डिपॉजिट पर 6.9 के बजाय 7 फीसदी और पांच साल के टाइम डिपॉजिट पर 7 की तुलना में 7.5 फीसदी ब्याज मिलेगा। पांच साल के रिकरिंग डिपॉजिट पर 5.8 की जगह 6.2 फीसदी ब्याज मिलेगा। पीपीएफ और सेविंग डिपॉजिट पर पहले की तरह 7.1 फीसदी और 4 फीसदी ब्याज ही मिलता रहेगा।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा की और उसके बाद इसकी घोषणा की। इन योजनाओं में वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, मासिक आय बचत, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, किसान विकास पत्र, सभी डाकघर टाइम डिपॉजिट और सुकन्या समृद्धि योजना शामिल हैं।
दरअसल, पिछले साल मई से आरबीआई ने रेपो दर में 2.5 फीसदी की वृद्धि की थी। इससे कर्ज के साथ-साथ लगातार बैंकों सहित अन्य जमाओं पर भी ब्याज दरें तीन फीसदी तक बढ़ गई थीं। ऐसे में सरकार को निवेशकों को आकर्षित करने के लिए छोटी योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। साथ ही सरकारी बॉन्ड्स की भी दरें ऊपर चलीं गईं थीं।
छोटी योजनाओं की ब्याज दरों की हर तिमाही समीक्षा होती है। इसमें श्यामला गोपीनाथ कमिटी के नियम के तहत ब्याज दरों को कम या ज्यादा किया जाता है। कमिटी का सुझाव है कि सरकारी बॉन्ड की तुलना में इन योजनाओं की ब्याज दरें 0.25 से लेकर एक फीसदी तक ज्यादा होना चाहिए। वित्त मंत्रालय ने इससे पहले जनवरी-मार्च, 2023 के लिए कुछ छोटी योजनाओं की ब्याज दरें 0.20 फीसदी से 1.10 फीसदी तक बढ़ाया था। हालांकि, इनमें पीपीएफ और सुकन्या योजना के ब्याज पर कोई बढ़त नहीं की गई थी।