सभी बीमा पॉलिसियों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखना जरूरी, ई-पॉलिसी पर ग्राहकों को डिस्काउंट 

मुंबई- भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडाई) ने सभी बीमा पॉलिसियों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में अनिवार्य रूप से रखने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर किया जाता है तो सभी नई पॉलिसियां इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में ही केवल जारी की जाएंगी। इसी के साथ इसने बीमा कंपनियों से वर्तमान पॉलिसीधारकों को ई-इंश्योरेंस की सुविधा मुहैया कराने का प्रस्ताव देने को कहा है।  

इरडाई ने यह भी कहा है कि अगर ग्राहक सीधे इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म से पॉलिसी खरीदता है तो बीमा कंपनियों को डिस्काउंट देना चाहिए। इस प्रस्तावित दिशा निर्देश के बारे में संबंधित शेयर धारकों से 20 अक्तूबर तक सलाह मांगी गई है। 

ई-पॉलिसी को जारी करने के लिए इरडाई ने हाल में वर्तमान नियमों की समीक्षा की थी। इसने कुछ बदलाव भी प्रस्तावित किया था। 29 सितंबर को जारी मसौदे में इरडाई ने कहा कि बीमा कारोबार को बढ़ावा देने और बीमाकर्ताओं को सक्षम बनाने एवं टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए एक उपयुक्त ढांचा स्थापित करना होगा। इसमें भौतिक फॉर्म के साथ ई-फॉर्म भी कंपनियों को देना होगा। 

इरडाई ने कहा, प्रत्येक बीमा कंपनियां सभी बीमा पॉलिसियों को केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप में ही जारी करेंगी, भले ही प्रस्ताव ई तरीके से मिला हो या किसी और तरीके से। सीधे बीमा मध्यस्थ के माध्यम से प्राप्त ई-प्रस्ताव की मंजूरी केवल इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से दी जाएगी। कोई जानकारी अगर भौतिक रूप में है तो उसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्थानांतरित करने के लिए बीमा कंपनियों को यंत्र स्थापित करना होगा। 

इरडाई ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक इंश्योरेंस अकाउंट (ईआईए) सभी पॉलिसीधारकों के लिए जरूरी करना होगा। पॉलिसीधारकों को जारी की गई पॉलिसी ईआईए में रखना होगा। हर बीमा कंपनी के पास ईआईए नंबर बनाने के लिए एक यंत्र होना चाहिए। बीमा कंपनियों को ई- इंश्योरेंस पॉलिसी की कापी और प्रस्ताव फॉर्म, लाभ एवं अन्य संबंधित कागजात ग्राहकों के ईमेल पर भेजने होंगे। 

प्रत्येक बीमा कंपनियां ईआईए को इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसी जारी करने पर, पॉलिसीधारकों को ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिये इसकी जानकारी देंगी। इसे हिंदी, अंग्रेजी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में देना होगा। इस नियम के लागू होने की तारीख से एक साल के भीतर सभी वर्तमान पॉलिसीधारकों को ई-पॉलिसी में बदलने के लिए बीमा कंपनियों को सुविधा देनी होगी। 

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