आरबीआई आदेश, सुबह 8 से पहले और शाम को 7 के बाद एजेंट नहीं करें फोन
मुंबई- कर्ज की वसूली के लिए वक्त-वेवक्त बैंक के एजेंटों के कॉल को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक कड़े नियम लेकर आ रहा है। आरबीआई द्वारा प्रस्तावित नियमों के मुताबिक अगर कोई ग्राहक समय पर लोन की ईएमआई नहीं भरता है तब भी लोन के लिए रिकवरी एजेंट कर्जदार को सुबह 8 बजे से पहले और शाम में 7 बजे के कॉल नहीं कर सकते हैं।
इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी और बैंकों को भी यह नसीहत दी है कि वह जरूरी पॉलिसी मैनेजमेंट जैसे केवाईसी के नियमों, लोन की मंजूरी जैसे कार्यों को दूसरी कंपनियों को आउटसोर्स करने से बचें। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि वित्तीय संस्थानों द्वारा किसी कार्य के लिए आउटसोर्सिंग करने के बाद भी उनकी जिम्मेदारी खत्म नहीं होती है।
आरबीआई ने इस मसौदे में प्रत्यक्ष बिक्री एजेंटों, प्रत्यक्ष वितरण एजेंट और वसूली एजेंटों के नियम बनाने के बात कही है। यह नियम पब्लिक, प्राइवेट और एनबीएफसी तीनों पर लागू हो चाहिए। इसके साथ ही आरबीआई ने कहा है कि रिकवरी एजेंट्स को इस बात की ट्रेनिंग मिलनी चाहिए कि वह लोन रिकवरी करते वक्त कॉल या मैसेज पर ग्राहक से कब और कैसे बातचीत करें।
इसके साथ ही ग्राहकों के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए आरबीआई ने वित्तीय संस्थानों को यह भी निर्देश दिया है कि वह अपने रिकवरी एजेंट को यह समझा दें कि वह लोन रिकवरी के लिए धमकी या उत्पीड़न का सहारा नहीं ले सकते हैं। इसके साथ ही रिकवरी एजेंट कर्जदारों से को अपमानित भी नहीं कर सकते हैं। वित्तीय संस्थान यह ध्यान रखें कि लोन रिकवरी के वक्त कर्जदारों की निजता का पूरा सम्मान होना चाहिए।