बिहार में डायरेक्ट सेलिंग का कारोबार 1301 करोड़ रुपये के पार पहुंचा 

मुंबई- बिहार का प्रत्यक्ष बिक्री (डायरेक्ट सेलिंग) उद्योग कारोबार में अपनी बढत को बनाए रखते हुए 1,301 करोड़ रुपये के कारोबार के साथ पूर्वी क्षेत्र में दूसरे और देश में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। 

इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) द्वारा सोमवार को यहां जारी वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद बिहार में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान सालाना लगभग 6.68 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए रिकॉर्ड 1,301 करोड़ रूपये के पार पहुंच गया है। 

इप्सॉस स्ट्रैटेजी-3 द्वारा तैयार इस रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष के दौरान राज्य में कुल कारोबार में गत वर्ष के 1,219.50 करोड़ रुपये के मुकाबले 81.50 करोड़ रूपये से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। राज्य में इस दौरान लगभग तीन लाख नये प्रत्यक्ष विक्रेता भी जुड़े जिससे प्रत्यक्ष विक्रेताओं की संख्या वर्ष 2019-2020 के 11.9 लाख के मुकाबले बढ़कर लगभग 14.9 लाख पर पहुंच गई। 

बिहार ने इस दौरान देश के शीर्ष 10 राज्यों में बिक्री कारोबार के मामले में अपना चौथा और पूर्वी राज्यों में पश्चिम बंगाल के बाद दूसरा स्थान बरकरार रखा। पूर्वी क्षेत्र में अन्य राज्य ओडिशा और झारखंड हैं। इस अवधि में लगभग 18,067 करोड़ रूपये के राष्ट्रीय प्रत्यक्ष बिक्री कारोबार में राज्य का 7.2 प्रतिशत से अधिक का योगदान रहा। 

इस अवसर पर आईडीएसए के अध्यक्ष रजत बनर्जी ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश में प्रत्यक्ष बिक्री की स्थिति को लेकर कहा, ‘‘बिहार प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के लिए एक प्रमुख बाजार बना हुआ है। व्यापक लॉकडाउन के बावजूद इस उद्योग में शामिल होने वाले तीन लाख प्रत्यक्ष विक्रेताओं की वृद्धि यह दर्शाती है कि प्रत्यक्ष बिक्री राज्य के लोगों के लिए कोरोनाकाल के दौरान आजीविका का वैकल्पिक स्रोत बना।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्यक्ष बिक्री ने देश में 79 लाख से अधिक भारतीयों के लिए स्थायी स्वरोजगार और सूक्ष्म उद्यमिता के अवसर प्रदान किए हैं।’’ बनर्जी ने कहा कि प्रत्यक्ष बिक्री ने गत पांच वर्षों में औसतन 12 प्रतिशत की सतत सालाना वृद्धि दर की है। कोरोना की पहली लहर के दौरान कुछ मामूली झटकों के बावजूद प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग ने मजबूती और स्थिरता दिखाई है। 

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