खाना खाने के कारण शहरी गरीब महंगाई से सर्वाधिक प्रभावित-क्रिसिल 

मुंबई। जुलाई में फुटकर महंगाई के 15 महीने की ऊंचाई पर पहुंचने से शहरी गरीब सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा, शहरी क्षेत्रों में उच्च आय वर्ग को सबसे कम महंगाई के बोझ का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनके खर्च में भोजन का हिस्सा कम था। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे गरीब वर्ग को अधिक महंगाई के बोझ का सामना करना पड़ा, क्योंकि वे खाने पर निर्भर हैं और जुलाई में खाद्य महंगाई सबसे ज्यादा बढ़ी है। 

क्रिसिल ने बुधवार को रिपोर्ट में कहा, इस रिपोर्ट में खर्च के हिसाब से महंगाई को मापा गया है। इसमें 20 प्रतिशत कम आय वाले, 60 प्रतिशत मध्य आय वाले और 20 प्रतिशत ऊंची आय वालों को शामिल किया गया है। कम आय वालों में शहरों में कमाने वालों के लिए जुलाई में महंगाई 8.5 फीसदी रही जबकि गांवों में यह 7.9 फीसदी रही। जून में यह 4.9 और 4.7 फीसदी रही थी। 

इसी तरह से ज्यादा कमाने वालों के लिए शहरों मे महंगाई 7.1 फीसदी और गांवों में 7.3 फीसदी रही। इस वर्ग के शहरों के लोगों को इसलिए कम महंगाई का सामना करना पड़ा, क्योंकि वे सामान्य खाने पर कम खर्च करते हैं। 

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