आरबीआई ने 2,000 की नोट छापना बंद किया, 3 वर्षों में एक भी नोट नहीं छपी
मुंबई- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले तीन वर्षों में 2,000 रुपये की एक भी नोट नहीं छापी है। अंतिम बार 2018-19 में इसके कुल 4.6 करोड़ नोटों को छापा गया था। जबकि 2016-17 से 2021-22 के दौरान इसने कुल 370.01 करोड़ नोट छापे थे। यह जानकारी इसने एक सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जवाब में दी है।
केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन वर्षों में लगातार इस नोट की वैल्यू भी घटती गई है। उदाहरण के तौर पर 2019 में इसकी कुल वैल्यू 6.58 लाख करोड़ रुपये थी, जो 2020 में 5.47 लाख करोड़ रुपये हो गई। 2021 में यह घटकर 4.90 लाख करोड़ रुपये रह गई। यानी तीन साल में इसकी कीमत में 1.68 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में चलन में कुल मुद्राओं की कीमत 21.10 लाख करोड़ रुपये थी, जो 2020 में 24.20 और 2021 में 28.26 लाख करोड़ रुपये हो गई। इसमें 2000 रुपये की कुल कीमत 4.90 लाख करोड़ रुपये रही। जबकि 500 रुपये की कीमत सबसे ज्यादा 19.33 लाख करोड़ रुपये रही।
आंकड़ों के अनुसार, 500 रुपये की वैल्यू 2019 में 10.75 लाख करोड़ रुपये थी जो 2020 में बढ़कर 14.72 लाख करोड़ रुपये हो गई। 100 रुपये की कीमत 2019 में 200,738 करोड़ रुपये थी जो 2020 में 199,021 करोड़ और 2021 में 190,555 करोड़ रुपये हो गई।
10 रुपये की कीमत 2019 में 31,260 करोड़ रुपये थी जो 2020 में 30,402 और 2021 में घटकर 29,368 करोड़ रुपये पर आ गई। हालांकि 200 रुपये की वैल्यू इसी दौरान 80 हजार करोड़ से बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपये हो गई। 20 रुपये के सिक्के की कुल कीमत केवल 179 करोड़ रुपये है।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, मार्च, 2021 तक कुल चलन में 500 रुपये और 2000 रुपये की हिस्सेदारी 85.7 फीसदी थी, जो 2020 में 83.4 फीसदी थी। कुल चलन में 500 का हिस्सा 31.1 फीसदी है। वोल्यूम में यह 19.8 फीसदी है।
आरबीआई के अनुसार, कुल 1.23 लाख नोट इस दौरान सड़े गले रहे, जिनको चलन से बाहर कर दिया गया। 2020-21 में इनकी कीमत 99.79 लाख रुपये रही जबकि 2019-20 में 14.65 लाख रुपये थी। इसमें 2000 रुपये के 4,548 नोट, 500 रुपये के 5,905 नोट, 100 के 42,433 और 200 के 1,186 नोट रहे।