PMC बैंक पर सरकार ने लिया फैसला, जानिए आपको कब मिलेगा पैसा
मुंबई- पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (PMC) के अंतिम विलय योजना को सरकार से मंजूरी मिलने के साथ ही 39 साल पुराने इस बैंक का अस्तित्व खत्म हो गया। बुधवार से PMC बैंक की सभी शाखाएं, यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड की शाखाएं में बदल गई और इसी के साथ बैंक के भविष्य को लेकर पिछले 2 साल से जारी अनिश्चितताएं खत्म हो गईं।
हालांकि अब यह सवाल यह उठता है कि आखिर इस विलय का PMC बैंक के जमाकर्ताओं के लिए क्या मायने है, जो पिछले 2 साल में बैंक में फंसे अपने रुपये के वापस मिलने की बांट जोह रहे हैं। सरकार ने जिस योजना को मंजूरी दी है, वह काफी हद तक ड्राफ्ट स्कीम से ही मिलती जुलती है। हालांकि इसमें PMC बैंक डिपॉजिटर्स को पैसे वापस करने के शेड्यूल में थोड़ा सा बदलाव है।
योजना के मुताबिक, पहले चरण के भुगतान में सभी योग्य जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी स्कीम (DIGC) के तहत 5 लाख रुपये तक की राशि मिलेगी। इसके बाद बची रकम का, अगले 10 सालों की अवधि में उन्हें धीरे-धीरे भुगतान किया जाएगा। इस दौरान, जमाकर्ताओं को पहले साल से पाचवें साल में 50 हजार से लेकर 5.5 लाख रुपये तक की राशि मिलेगी और बाकी की बची पूरी राशि 10वें साल के अंत में मिलेगी।
अच्छी खबर यह है कि सभी जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस मिल जाएगा और लंबे समय से इसे लेकर जारी अनिश्चितता का अंत हो जाएगा। हालांकि बुरी खबर यह है कि जमाकर्ताओं को उनकी पूरी राशि तीन से 10 साल तक की अवधि में ही मिल जाएगी। यह काफी लंबा इंतजार है, खासतौर से बैंक के कुछ बुजुर्ग जमाकर्ताओं के लिए।
स्कीम में कहा गया कि 31 मार्च 2021 के बाद से अगले पांच सालों तक PMC बैंक में जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। पांच साल के बाद 2.75 फीसदी सालाना के साधारण ब्याज का हर साल के अंत में बची हुई राशि पर भुगतान किया जाएगा। बता दें कि PMC बैंक के कामकाज में भारी फ्रॉड और वित्तीय अनियमितता पाए जाने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सितंबर 2019 में बैंक के बोर्ड को भंग कर उसका नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। 31 मार्च 2019 तक के आंकड़ों के मुताबिक, बैंक ने 8,383 करोड़ रुपये का लोन रियल एस्टेट फर्म HDIL को दिया था, जो उसके कुल लोन बुक का करीब 70 फीसदी थी। बैंक में उस वक्त 11,600 करोड़ रुपये का डिपॉजिट था।