जुलाई से सितंबर के बीच 7 से 9% रह सकती है GDP की विकास दर
मुंबई- तमाम अनुमानों में यह बात सामने आई है कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ जुलाई से सितंबर के बीच 7 से 9% के बीच रह सकती है। इसके आंकड़े सरकार आज जारी करेगी। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का अनुमान है कि GDP की विकास दर 8.1% रह सकती है। इसने कहा है कि दुनिया के सभी देशों की अर्थव्यवस्था की तुलना में भारत की विकास की रफ्तार ज्यादा रह सकती है। हालांकि अभी भी महंगाई ग्लोबल लेवल पर चिंता का विषय बनी हुई है। रॉ मैटेरियल की कीमतें काफी ऊंची हैं। इसकी वजह से रिटेल प्राइस अभी भी ज्यादा है। जिससे मांग पर इसका निगेटिव असर दिख सकता है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अनुमान लगाया है कि दूसरी तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ दर 7.9% रह सकती है। पहले इसने 7.7% का अनुमान लगाया था। सरकार ने सितंबर में काफी खर्च किया है। इसका असर अर्थव्यवस्था की विकास पर दिखेगा। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्तवर्ष 2021-22 यानी जुलाई से सितंबर के बीच इकोनॉमी की गतिविधियों को औद्योगिक में तेजी और सेवा सेक्टर में बढ़ते वोल्यूम से मदद मिलेगी। कोरोना की दूसरी लहर के कारण सब्सिडी दी गई और वैक्सीन के कवरेज से विश्वास में सुधार दिखा।
एलारा कैपिटल ने जहां 9% की ग्रोथ की संभावना जताई है, वहीं सिटी बैंक ने 8.7% की संभावना जताई है। डच बैंक और बैंक ऑफ अमेरिका का मानना है कि भारत की ग्रोथ रेट 8% रह सकती है। कोटक सिक्योरिटीज ने 7% की ग्रोथ रेट की उम्मीद जताई है। केंद्र और राज्य सरकारें जमकर खर्च कर रही हैं। केंद्र सरकार 10% से ज्यादा खर्च कर रही है जो कि बजट अनुमान के मुताबिक है।
2020 में अप्रैल से जून के दौरान देश की अर्थव्यवस्था 24.4% की दर से गिरी थी जबकि तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर से नवंबर के दौरान इसमें 0.4% की बढ़त दिखी थी। जनवरी से मार्च 2021 में GDP 1.6% की दर से बढ़ी जबकि अप्रैल से जून 2021 के दौरान इसमें 20.1% की दर से बढ़त दिखी थी। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि महंगाई का दबाव आगे भी कुछ समय तक दिख सकता है। भारत की विकास दर अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के दौरान 7.3% घट गई थी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि रीयल GDP की ग्रोथ 7.9% रह सकती है। UBS का मानना है कि भारत की GDP ग्रोथ 8 से 9% के बीच में रह सकती है। इसकी इकोनॉमिस्ट तन्वी गुप्ता जैन ने कहा कि UBS की एक्टिविटी ट्रैकर में ऊपर की ओर रुझान दिख रहा है। लेकिन रिकवरी के मोर्चे पर बड़े पैमाने पर रिकवरी नहीं दिखाई दे रही है।
उन्होंने कहा कि हमने मिली-जुली रिकवरी भारत में देखी है। हमारा अनुमान है कि मांग की साइड में सुधार दिखेगा। इसमें व्हीकल सेक्टर, प्रॉपर्टी, घर और पर्सनल केयर के साथ कंज्यूमर ड्यूरेबल शामिल हैं। ब्रोकरेज हाउस निर्मल जैन के मुताबिक, देश की GDP 7% की दर से दूसरी तिमाही में बढ़ सकती है। हालांकि इसने कहा है कि गांवों में सरकार मदद को धीरे-धीरे वापस ले रही है। इससे गांवों की विकास दर धीमी रह सकती है।