धोखाधड़ी और बाजार के दुरुपयोग को रोकने के लिए सेबी लाएगा नया तंत्र
मुंबई- मार्केट रेगुलेटर सेबी के बोर्ड की बुधवार को बैठक हुई। इसमें बाजार व्यवस्था तथा कंपनी संचालन को और बेहतर बनाने के लिए कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सेबी शेयर ब्रोकरों की धोखाधड़ी तथा बाजार के दुरुपयोग को रोकने के लिए मैकेनिज्म बनाएगा। साथ ही निजी इक्विटी फंड्स को म्यूचुअल फंड कंपनियों का प्रायोजन करने की अनुमति देने को नियामकीय रूपरेखा को भी मंजूरी मिल गई है।
इसके अलावा कंपनी संचालन नियमों को सख्त बनाया जाएगा और लिस्टेड कंपनियों में लोगों के स्थाई रूप से सदस्य बने रहने की व्यवस्था समाप्त करने का फैसला किया गया है। सेबी ने लिस्टेड कंपनियों के लिए पर्यावरण, सामाजिक और संचालन (ESG) के बारे में खुलासों को लेकर नियामकीय व्यवस्था को मंजूरी दे दी है। आईपीओ की तरह शेयर खरीद-बिक्री बाजार के लिए फंड को ‘ब्लॉक’ करने की सुविधा शुरू करेगा। इस कदम का मकसद इनवेस्टर्स के पैसे को शेयर ब्रोकरों के दुरुपयोग से सुरक्षित रखना है।
सेबी के बोर्ड ने शेयर बाजार में उपलब्ध शेयरों की खरीद-बिक्री को लेकर निवेशकों के लिए खाते में ‘ब्लॉक’ राशि के साथ आवेदन (एप्लिकेशन सपोर्टेड बाई ब्लॉक्ड अमाउंट) की सुविधा शुरू करने का निर्णय किया। यह इश्यू के लिए भुगतान का वैकल्पिक माध्यम है। इसमें इश्यू के लिए आवेदन करने वाले निवेशकों का पैसा उनके खाते में तबतक पड़ा रहता है, जब तक इश्यू के आवंटन के बारे में स्थिति साफ नहीं हो जाती।
आईपीओ मिलने पर ही खाते से राशि कटती है। अब यह सुविधा निवेशकों के साथ-साथ शेयर ब्रोकरों के लिए वैकल्पिक होगी। इसका मकसद शेयर मार्केट के परिवेश में दक्षता को बढ़ाना है। इसके जरिए मार्जिन और निपटान बाध्यताओं को पूरा करने की अनुमति होगी। इससे सदस्यों के लिए कम कार्यशील पूंजी की जरूरत पड़ेगी।
सेबी ने एक बयान में कहा कि प्रस्तावित रूपरेखा के तहत, शेयर ब्रोकरों को या तो सीधे यूपीआई ग्राहकों के साथ ब्रोकरेज का निपटान करने की अनुमति होगी या ग्राहकों के यूपीआई ब्लॉक से ब्रोकरेज की मानक दर घटाने के लिए समाशोधन निगम की सुविधा का विकल्प चुनना होगा। बाजार में सुचारू रूप से बदलाव के लिए व्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। नई सुविधा के साथ ग्राहक बचत खाते में अपने ‘ब्लॉक’ राशि पर तब तक ब्याज प्राप्त कर सकेंगे, जब तक कि राशि निकल नहीं जाती।