भारतीय बाजार में आएगी जबरदस्त तेजी, इकोनॉमी की रफ्तार से ज्यादा बढ़ती है बाजार की चाल
मुंबई– जब भी किसी देश की अर्थव्यवस्था में तेजी आती है तो उसका शेयर बाजार उसकी रफ्तार से ज्यादा तेज चलता है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले टॉप 3 देशों के शेयर बाजार से यही संकेत मिलता है। ऐसे में भारत की अर्थव्यवस्था भी अगले कुछ सालों में तेजी से चलेगी और यहां का बाजार उससे भी तेजी से चलेगा।
के.आर. चौकसी के MD देवेन चौकसी कहते हैं कि अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार का बहुत ही करीबी रिश्ता रहता है। इसीलिए जब हम कुछ देशों की अर्थव्यवस्था की तेजी देखते हैं तो उसका बाजार उसी तेजी से बढ़ता हुआ दिखता है। खासकर तीन देशों की 2 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था जब 5 ट्रिलियन डॉलर की हुई तो उनके बाजारों में 4 गुना से ज्यादा तेजी देखी गई। जबकि अर्थव्यवस्था में ढाई गुना की ही तेजी रही है।
उदाहरण के तौर पर चीन की अर्थव्यवस्था ने 2 ट्रिलियन डॉलर से 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में 5 साल का समय लिया। 2004 में इसकी अर्थव्यवस्था 2 ट्रिलियन डॉलर की थी जो 2009 में 5 ट्रिलियन डॉलर की हो गई। इसी समय में इसका शेयर बाजार चार गुना बढ़ा और यह 8,500 से 32 हजार पर पहुंच गया। अमेरिका की अर्थव्यवस्था को 2 से 5 ट्रिलियन डॉलर बनने में 11 साल लगे जबकि इसी समय में इसका बाजार 15 गुना बढ़ा।
जापान की अर्थव्यवस्था 2 से 5 ट्रिलियन डॉलर पहुंचने में 8 साल ली जबकि इसका बाजार इसी दौरान 19 गुना से ज्यादा बढ़ा। यह 2 हजार से बढ़ कर 37 हजार पर पहुंच गया। चौकसी कहते हैं कि किसी भी देश के शेयर बाजार की सबसे तेज चाल तब होती है जब उसकी अर्थव्यवस्था 2 से 5 ट्रिलियन डॉलर होती है। भारत में भी इस समय यही रुझान है।
भारत का लक्ष्य 2026-27 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का है। ऐसे में यह तय है कि यहां से शेयर बाजार उससे ज्यादा रफ्तार से बढ़ेगा। अभी भारत की अर्थव्यवस्था 2.8 ट्रिलियन डॉलर की है जबकि शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 3 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है। ऐसे में यह उम्मीद है कि शेयर बाजार का मार्केट कैप इकोनॉमी की तुलना में पहले ही 5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को छू लेगा।
वैसे भारतीय शेयर बाजार के बारे में ब्रोकिंग हाउसों का अनुमान है कि यह इस साल दिसंबर तक 61 हजार के लेवल को पार कर जाएगा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का इंडेक्स 61 हजार तक जाने का मतलब यह है कि इसका मार्केट कैप 250 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा। यह अभी 230 लाख करोड़ रुपए है। साथ ही इस साल में LIC जैसी कई बड़ी कंपनियां IPO भी ला रही हैं। मार्केट कैप में इन नई कंपनियों का भी बहुत बड़ा योगदान होगा।
विश्लेषकों का मानना है कि बाजार की तेजी आगे भी जारी रहेगी। ऐसे में निवेशकों को कभी-कभार की गिरावट में बाजार से निकलने की जरूरत नहीं है। शेयर बाजार ने कोरोना के दौरान दोगुना से ज्यादा का रिटर्न दिया है। पिछले साल मार्च में BSE का इंडेक्स 26 हजार से नीचे था जो आज 53 हजार के लेवल को छू गया। ऐसे में बाजार की तेजी आगे अभी भी जारी रह सकती है क्योंकि अब अर्थव्यवस्था में रिकवरी है और आगे कोरोना का असर भी कम होता दिख रहा है।