अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज, जीडीपी, जीएसटी, कारों की बिक्री और विदेशी निवेशकों के निवेश में तेजी

मुंबई– 2 तिमाही बाद सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी तीसरी तिमाही पॉजिटिव रही है। इसकी ग्रोथ 0.4% बढ़ी है। पहली तिमाही में 23.9% और दूसरी तिमाही में 7.5 पर्सेंट गिरी थी। यह लगातार सातवां महीना है जब ऑटो सेक्टर की ग्रोथ पॉजिटिव है। ऑटो सेक्टर अगर तेजी में है तो मतलब लोगों के पास पैसे हैं। क्योंकि गाड़ी तभी खरीदी जाती है जब पैसे ज्यादा हों। तीसरी बात, शेयर बाजार लगातार ऊंचाई पर है। विदेशी निवेशकों ने लगातार पांचवें महीने में भी शुद्ध निवेश किया है। 5 महीने में शेयर बाजार में इनका निवेश 1.85 लाख करोड़ रुपए रहा है। यह सब इकोनॉमी के लिए पॉजिटिव है। 

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन इस साल फरवरी में 1,13,143 करोड़ रुपए रहा। यह लगातार पांचवीं बार हुआ है जब GST कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर रहा है। इसकी वजह कोरोना का जोर घटने से आर्थिक गतिविधियों में लगातार आ रही तेजी और सरकार की ओर से की जा रही कोशिशें हैं। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में सामान के आयात पर टैक्स से हासिल होने वाली रकम में सालाना आधार पर 15% की बढ़ोतरी हुई। घरेलू बाजार में हुए सामान के लेनदेन पर हासिल टैक्स कलेक्शन पिछले साल से 5% ज्यादा रहा। 

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, फरवरी में 21,092 करोड़ रुपये का CGST (सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स) और 27,273 करोड़ रुपये का SGST (स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स) कलेक्शन हुआ। IGST (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स) कलेक्शन 55,253 करोड़ रुपये का रहा। इसमें से 24,382 करोड़ रुपये इंपोर्टेड सामान पर वसूल किए गए। इसके अलावा सेस के तौर पर 9,525 करोड़ रुपये की वसूली हुई। 

मार्च 2020 में 97 हजार करोड़ रुपए का कलेक्शन था। मार्च 2019 में 1.09 लाख करोड़ रुपए का कलेक्शन था। इस बार मार्च में इससे बेहतर कलेक्शन होगा। यह 1.30 लाख करोड़ रुपए रह सकता है, क्योंकि जीएसटी चोरी पर लगाम लगी है। साथ ही महीना 31 दिनों का है। फरवरी 28 दिनों का है। तीन दिन का मतलब 12-15 हजार करोड़ रुपए बढ़ना चाहिए। 

जहां तक इस फाइनेंशियल ईयर की बात है तो अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक कुल जीएसटी कलेक्शन 10,12,853 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले इसी पीरियड को देखें तो अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 के बीच 11,11,878 करोड़ रुपए के जीएसटी का कलेक्शन हुआ था। इस हिसाब से मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में पिछले वित्त वर्ष के इसी पीरियड के मुकाबले 99,025 करोड़ रुपये कम कलेक्शन हुआ है जो लगभग नौ पर्सेंट कम है। 

जीएसटी कलेक्शन में लगातार हो रही बढ़त का सबसे बड़ा कारण इसके लीकेज को रोकना है। पिछले 5-6 महीनों से लगातार जीएसटी की टीम ने अपने आईटी सिस्टम को मजबूत किया है। इससे फर्जीवाड़ा रुका है। फर्जी जीएसटी सेटअप लेने वाले पकड़े गए हैं। साथ ही जीएसटी की टीम खुद इसकी बारीकी से निगरानी कर रही है। सोमवार को ही जीएसटी की टीम ने महाराष्ट्र में 656 करोड़ रुपए के फर्जी बिलों को पकड़ा है। इसमें कुल 48 लोग और कंपनियां शामिल थीं। इसमें से 4 को गिरफ्तार किया गया है। 

पिछले हफ्ते ही जीएसटी की टीम ने कुछ ऐसे लोगों को पर्सनल फोन किया जिनका कारोबार 1 करोड़ रुपए भी नहीं था। इन लोगों से यह पूछा गया कि उन्होंने जीएसटी क्यों कम भरा है। यानी जीएसटी टीम जानना चाहती है कि बिजनेस कैसा चल रहा है। खबर है कि जीएसटी टीम अब चार्टर्ड अकाउंटेंट और अस्पतालों की स्क्रुटनी कर रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि रेवेन्यू विभाग को उनके इनकम टैक्स और इंडायरेक्ट टैक्स की फाइलिंग में अंतर मिला है। टैक्स अथॉरिटी ने इस संबंध में कुछ अस्पतालों को नोटिस भी जारी किया है। 

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