मामलों का सेटलमेंट करके सेबी को मिल सकता है 750 करोड़ रुपए
(अर्थलाभ संवाददाता)
मुंबई- पूंजी बाजार निायमक सेबी द्वारा 14,720 कंपनियों के साथ अनुचित व्यापार के मामलों को निपटाने से 750 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। गलत काम करनेवाली कंपनियां इसी रास्ते को अपना रही हैं। इस रास्ते के बाद एक तय राशि भरकर सेबी के साथ सेटलमेंट किया जा सकता है।
वे सभी मामले जो सेबी प्रिवेंशन ऑफ फ्राडुलेन्ट अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज रेगुलशन्स के तहत आते हैं, उन मामलों में 5 लाख रुपए से 25 करोड़ रुपए तक का दंड होता है। यह अलग-अलग कंपनियों के अलग-अलग अपराधों पर निर्भर होता है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, अधिकांश कंपनियां लंबी कानूनी कार्यवाही के लिए पेमेंट करने की बजाय मामलों को निपटाने के लिए सहमत हो सकती हैं।
कानून के जानकारों का मानना है कि सेबी ने सही काम किया है। क्योंकि मामलों की संख्या काफी बढ़ गई है। सेबी ने अपनी बात रखी है। अब पुरानी बातें छोड़ और आगे बढ़ने का समय है। 2018 में सेबी की पूर्णकालिक सदस्य (डब्ल्यूटीएम) माधबी पुरी बुच ने 2014 और 2015 के बीच स्टॉक डेरिवेटिव में नकली लेन-देन के लिए कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया था।
अगस्त 2015 में सेबी के पूर्व पूर्णकालिक सदस्य राजीव कुमार अग्रवाल ने बीएसई पर स्टॉक्स के इलिक्विड ऑप्शन (illiquid options) में कारोबार करने के लिए 59 कंपनियों के खिलाफ आदेश जारी किया था। फिर कुछ कंपनियों ने लगातार व्यापार में नुकसान किया। विश्लेषण से पता चला है कि एक वर्ष में इलिक्विड ऑप्शन में 70 प्रतिशत से अधिक वोल्यूम जनरेट हुआ।
2018 में बुच ने 14,720 कंपनियों की पहचान की थी। प्रतिभूति एवं अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने सेबी से कहा था कि वह लोक अदालत पर विचार करे या मामलों के लिए कोई अन्य वैकल्पिक विवाद समाधान प्रक्रिया अपनाए। इसमें शामिल पक्षों ने तर्क दिया था कि तब खुद या संबंधित पार्टीज के साथ ट्रेड को पास करने के लिए कोई विशिष्ट नियम नहीं थे।