केंद्र सरकार को कंपनियों से मिलेगा भारी लाभांश, 63000 करोड़ की उम्मीद
मुंबई- केंद्र सरकार को सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) से लाभांश के रूप में मोटी कमाई होगी। पीएसयू द्वारा प्रस्तावित अंतिम लाभांश के हिसाब से सरकार को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023 के लिए सूचीबद्ध पीएसयू से उसे करीब 63,000 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभांश मिलेगा, जो लाभांश के रूप में अभी तक की सबसे ज्यादा रकम होगी।
लाभांश की रकम वित्त वर्ष 2022 में मिले 50,600 करोड़ रुपये से करीब 25 फीसदी अधिक होगी। वित्त वर्ष 2023 के लिए सरकार को लाभांश से होने वाली कुल आय और बढ़ सकती है क्योंकि अभी गेल (इंडिया), हिंदुस्तान कॉपर और बामर लॉरी जैसी पीएसयू ने अंतिम लाभांश का खुलासा नहीं किया है।
वित्त वर्ष 2023 में सरकार को जितना लाभांश मिलने की उम्मीद है वह कोविड से पहले वित्त वर्ष 2019 में मिले 29,000 करोड़ रुपये के लाभांश से करीब दोगुना है। इससे पहले सरकार को लाभांश के रूप में सबसे ज्यादा 42,150 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2014 में मिले थे। लेकिन इस बार लाभांश राशि इससे करीब 50 फीसदी अधिक हो सकती है।
पीएसयू से सरकार को मिलने वाले कुल लाभांश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों का योगदान करीब 18,000 करोड़ रुपये का हो सकता है, जो वित्त वर्ष 2022 के 11,525 करोड़ रुपये से करीब 56 फीसदी अधिक है। वित्तीय पीएसयू को छोड़कर अन्य सार्वजनिक उपक्रमों जैसे कोल इंडिया, ओएनजीसी, एनटीपीसी और पावरग्रिड से वित्त वर्ष 2023 के लिए सरकार को करीब 45,000 करोड़ रुपये का लाभांश मिलने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2022 के 39,059 करोड़ रुपये से 15.4 फीसदी अधिक है।
यह विश्लेषण सूचीबद्ध सर्वाजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा वित्त वर्ष 2023 के लिए प्रस्तावित अंतरिम और अंतिम लाभांश पर आधार है। सरकार की लाभांश में हिस्सेदारी इन कंपनियों में उसके शेयर पर आधारित है। वित्त वर्ष 2023 के लिए 67 सूचीबद्ध पीएसयू कुल 1.02 लाख करोड़ रुपये का लाभांश बांट सकती हैं, जो वित्त वर्ष 2022 में बांटे गए 84,665 करोड़ रुपये से अधिक है।
वित्त वर्ष 2023 में सार्वजनिक क्षेत्र से जितने लाभांश का भुगतान हो रहा है, उसका एक बड़ा हिस्सा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार के कर से इतर राजस्व में दिखेगा। ये आंकड़े संकेत दे रहे हैं कि सार्वजनिक उपक्रमों से मिलने वाला वास्तविक लाभांश वित्त वर्ष 2024 के बजट अनुमान से अधिक रहेगा।
वित्त वर्ष 2024 के बजट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सरकार को केंद्रीय गैर-वित्तीय सार्वजनिक उपक्रमों से कुल 43,000 करोड़ रुपये का लाभांश एवं मुनाफा प्राप्त हो सकता है। बजट अनुमान के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थानों से लाभांश एवं अधिशेष के मद में 40,000 करोड़ रुपये प्राप्त हो सकते हैं।
सरकारी बैंकों, आरबीआई एवं वित्तीय संस्थानों ने वित्त वर्ष 2023 के लिए 1.05 लाख करोड़ रुपये लाभांश देने की घोषणा की थी। यह रकम वित्त वर्ष 2024 के खातों में दिखेगी। पिछले महीने आरबीआई बोर्ड ने वित्त वर्ष 2023 के लिए सरकार को लाभांश के रूप में 87,416 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दे दी थी।