इंफोसिस में इनसाइडर ट्रेडिंग, सेबी ने कई अधिकारियों पर की कार्रवाई

मुंबई– देश की लीडिंग सूचना एवं प्रौद्योगिकी (IT) कंपनी इंफोसिस के शेयरों मे इसके कर्मचारियों ने इनसाइडर ट्रेडिंग की है। यह ट्रेडिंग पिछले साल की गई है। इस मामले में रेगुलेटर सेबी ने इंफोसिस के सीनियर कॉर्पोरेट काउंसिल प्रांशू भुतरा, सीनियर प्रिंसिपल कॉर्पोरेट अकाउंटिंग ग्रुप के वी सुब्रमणियन को दोषी पाया है।  

सेबी ने कहा कि उसने इंफोसिस के शेयरों में पिछले साल जांच की थी। इसी जांच के दौरान यह पता चला कि इसके कर्मचारी इसमें इनसाइडर ट्रेडिंग कर रहे हैं। इनसाइडर ट्रेडिंग का मतलब कंपनी की अंदरूनी और गोपनीय जानकारियों के आधार पर उसके शेयरों मे खरीद और बिक्री करने से है। इस जांच में सेबी ने कैपिटल वन के पार्टनर्स भरत जैन और एक अन्य व्यक्ति अमित बुतरा को भी दोषी पाया है।   

सेबी के मुताबिक, कैपिटल वन और टेसोरा कैपिटल ने इंफोसिस के शेयरों में कारोबार किया था। यह कारोबार इन लोगों ने जून तिमाही 2020 के वित्तीय परिणाम आने से कुछ समय पहले किया था। इसके बाद जब कंपनी का रिजल्ट जारी हो गया तो इन लोगों ने शेयरों को बेच दिया। सेबी ने कहा कि अमित बुतरा और भरत जैन दोनों ने कैपिटल वन के अंडर में शेयरों को खरीदने का ऑर्डर डाला था। अमित ने टेसोरा के भी अंडर में ऑर्डर डाला था।  

सेबी ने कहा कि टेसोरा और कैपिटल वन दोनों ने इंफोसिस के फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में जो शेयर खरीदे और बेचे थे वह शेयरों की कीमतों से जुड़े संवेदनशील जानकारी के आधार पर किया गया था। सेबी को उम्मीद है कि कीमतों से जुड़ी जानकारियों को वेंकट सुब्रमणियन ने ही लीक किया होगा, क्योंकि वे इँफोसिस के अधिकारी हैं। सेबी को यह जानकारी मिली है कि वेंकट भुतरा के लगातार संपर्क में थे। वे टेलीफोन के जरिए संपर्क में थे।  

जानकारी के मुताबिक, वेंकट ने गोपनीय जानकारियों प्रांशू और अमित और भरत जैन को पास की। इसी के आधार पर इन लोगों ने शेयरों की खरीद फरोख्त की। सेबी ने कैपिटल वन के पार्टनर्स, अमित भुतरा और भरत जैन के बैंक अकाउंट को सीज किया है। सेबी ने यह भी आदेश दिया है कि जिन लोगों ने इसके जरिए जो भी कमाई की है, वह पैसा एक अलग से बैंक अकाउंट खोलकर उसमें जमा कराएं। यह अकाउंट सरकारी बैंक में खुलना चाहिए।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *