25,000 करोड़ रुपये के 9,000 फर्जी जीएसटीआईएन का हुआ पर्दाफाश 

मुंबई- बोगस कंपनियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई में बड़ी सफलता मिली है। जीएसटी अधिकारियों ने 9,000 फर्जी जीएसटीआईएन वाले 304 सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। इन कंपनियों ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के जरिये 25,000 करोड़ रुपये का दावा किया था। 

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन विवेक जौहरी ने बताया कॉरपोरेट इनकम टैक्स देने वाले केवल 40 फीसदी लोग जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं। जीएसटी के 6 साल पूरे होने के बाद भी केवल 1.39 लाख कारोबारी इसमें पंजीकृत हैं। 

जीएसटी दिवस पर एक कार्यक्रम में जौहरी ने कारोबारियों से अपील की कि वे जीएसटी में पंजीकरण अवश्य कराएं। इससे उनको ही लाभ होगा। गौरतलब है कि केंद्र और राज्य के अधिकारी दो महीने का विशेष कार्यक्रम चला रहे हैं जिसमें फर्जी कारोबारियों पर नजर है। उन्होंने कहा, इसके लिए विभाग उन्नत किस्म के डाटा विश्लेषण और अन्य उपायों का उपयोग कर रहा है। 

जीएसटी दिवस पर शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, जीएसटी के कारण कर के मोर्चे पर अधिक उछाल आया है। इसलिए, केंद्र और राज्य दोनों को लाभ हुआ है। आज, जीएसटी के बाद किसी भी राज्य को राजस्व का नुकसान नहीं हुआ है। जीएसटी लागू होने से पहले, भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली खंडित थी, जहां हर राज्य उद्योग के साथ-साथ ग्राहकों के लिए एक अलग बाजार था। चाहे वह आम ग्राहक हो, चाहे वह राज्य सरकार हो, जीएसटी सभी के लिए अच्छा रहा है। इस नई कर व्यवस्था ने पिछली व्यवस्था की तुलना में दरें कम करके ग्राहकों के साथ न्याय किया है। 

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