ई-कॉमर्स कंपनियों को नोडल ऑफिसर की नियुक्ति का नियम लागू, विदेश में रजिस्टर्ड कंपनियों को भी पालन करना होगा
मुंबई-अगर आप ई-कॉमर्स कंपनियों के ग्राहक हैं तो आपके लिए अब शिकायत करना आसान हो जाएगा। सरकार ने शिकायतों के लिए नोडल ऑफिसर की नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह नोटिफिकेशन 17 मई से लागू हो गया है।
इस नोडल ऑफिसर का मतलब यह है कि सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को ग्राहकों की शिकायतों को सुलझाने के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी। इसकी पूरी जानकारी और संपर्क का ब्यौरा वेबसाइट पर देना होगा। अगर आप कोई शिकायत करते हैं तो वेबसाइट को 48 घंटे के भीतर यह बताना होगा कि आपकी शिकायत मिल चुकी है। एक महीने के अंदर इस शिकायत को सुलझाना भी होगा।
शिकायत आप सामानों और सेवाओं के लिए कर सकते हैं। आपको किसी सामान में कोई शिकायत है या सेवाओं से आप संतुष्ट नहीं हैं तो आप इसके लिए शिकायत कर सकते हैं। सरकार ने इन कंपनियों से कहा है कि वे एक नोडल ऑफिसर की नियुक्ति करें। यह अधिकारी नए नियमों के तहत ग्राहकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। यह नियम उन सभी ई-कॉमर्स कंपनियों पर लागू होगा, जो भारत में रजिस्टर्ड हैं।
सरकार ने कहा कि यह नियम उन कंपनियों पर भी लागू होगा, जो भले ही विदेशों में रजिस्टर्ड हों, पर वह भारतीय ग्राहकों को सामान और सेवाएं दे रही हैं। यह नया नियम जो कि कंज्यूमर प्रोटेक्शन रूल्स 2020 के तहत है, 17 मई से लागू हो गया है। कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय ने इसे लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
यह नया नियम कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत बनाया गया था। इसके तहत ई-कॉमर्स कंपनी को एक नोडल ऑफिसर की नियुक्ति करनी होगी या किसी सीनियर अधिकारी को रखना होगा। यह अधिकारी भारत में होना चाहिए ताकि वह इन नियमों को सुनिश्चित करा सके। यह सभी कंपनियों पर लागू होगा। जो कंपनीज एक्ट 1956 के तहत या कंपनीज एक्ट 2013 या फिर विदेशी कंपनी जो कंपनीज एक्ट के तहत बदली गई हों उन पर भी यह लागू होगा। वह कंपनी जिसकी ऑफिस, ब्रांच या एजेंसी भारत के बाहर हो पर उसे भारत में रहने वाला व्यक्ति नियंत्रित करता हो और जो फेमा यानी विदेशी मु्द्रा नियम के तहत में आता हो।
ऐसी कंपनी या व्यक्ति जो डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक फैसिलिटी का मालिक हो, उसे चलाता हो या मैनेज करता हो, या ऐसा प्लेटफॉर्म जो इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स का हो। नियम के मुताबिक, हर ई-कॉमर्स कंपनी को अपने प्लेटफॉर्म पर उसका कानूनी नाम दिखाना होगा, जो सही अक्षरों में और दिखने जैसा हो। उसका पता और मुख्यालय भी दिखाना होगा। अगर ब्रांच है तो वह भी वेबसाइट पर डालना होगा। साथ ही कस्टमर केयर और शिकायत अधिकारी का संपर्क का पूरा ब्यौरा देना होगा।
हर कंपनी को शिकायत का एक ऐसा तरीका बनाना होगा और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी। तरीका और अधिकारी ऐसा होना चाहिए जो शिकायत मिलने के 48 घंटे के अंदर उसे एक्नॉलेज करे और 1 महीने के अंदर उसे सुलझा सके। इसी तरह इस नियम में ई-कॉमर्स कंपनियों पर अनुचित कारोबार की प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाया है। यह चाहे बिजनेस से जुड़ा हो या फिर किसी और तरीके से जुड़ा हो। ग्राहकों के से कोई लेवी चार्ज तभी लेना होगा जब वह खरीदारी को कनर्फ्म करे। नहीं तो फिर इस तरह का चार्ज कंपनी को भरना होगा अगर वह ऑर्डर को कैंसल करती है। सामानों या सेवाओं की कीमतों का मेनिपुलेशन यानी गिरोह या संगठन बनाकर बढ़ाने से जो कमाई होगी उस पर पेनाल्टी भी लग सकती है।