आरबीआई गवर्नर ने कहा, महंगाई का शीर्ष खत्म, अब 4 फीसदी है लक्ष्य 

मुंबई- महंगाई दर में लगातार कमी आ रही है। इसका शीर्ष 7.8 फीसदी का था जो अब कम हो रहा है। महंगाई को नियंत्रण में करने की आरबीआई की कोशिशों का असर दिखा है लेकिन अब भी यह 6 फीसदी की सीमा से ज्यादा है। यह बात आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कही। 

दास ने कहा, हम धीरे -धीरे महंगाई दर को 4 फीसदी पर लाने का लक्ष्य तय करेंगे। हालांकि, इसके लिए अर्थव्यवस्था की वृद्धि पर कोई असर नहीं पड़े, इसका भी ध्यान रखा जाएगा। आगे चलकर इस पर काबू पाया जाएगा जो हमारी प्राथमिकता है। देश के आर्थिक हालात बेहतर नजर आ रहे हैं। महामारी के बाद केंद्रीय बैंक ने जल्दी और सही कदम उठाए हैं। कच्चे तेल के साथ दूसरी कमोडिटीज की कीमतें भी कम हो रही हैं।  

एक अंग्रेजी चैनल से बात करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कि वित्तीय स्थिरता को लेकर चिंता नहीं है और आरबीआई स्थिति को देखकर फैसला कर रहा है। उन्होंने कहा कि बॉन्ड में कामकाज ठीक तरह से हो रहा है। हम तभी हस्तक्षेप करेंगे, जब बाजार में किसी तरह की गड़बड़ी सामने आएगी।  

देश का चालू खाता घाटा (सीएडी) इस समय सही स्थिति में है और वित्त की कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी पर भी बात की और कहा कि सही समय पर हमने लोगों को आगाह किया है। इस मुद्रा से वित्तीय अस्थिरता पैदा हो सकती है। दास ने कहा कि आरबीआई फिनटेक कंपनियों को बढ़ावा देने के पक्ष में है। हम विशेष रूप से फिनटेक में खोजपरख को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि इसके खतरे को देखते हुए नियामक व्यवस्था जरूरी है।   

बैंकों के निजीकरण के मामले में दास ने कहा कि एक नियामक के रूप में हम दिशा-निर्देश तय करते हैं। यह सुनिश्चित करना हमारा काम है कि उन निर्देशों का पालन हो जिससे बैंकिंग क्षेत्र व्यवस्थित तरीके से अपना काम करता रहे। बैंक मजबूत होते हैं और वे बेहतर तरीके से पूंजीकृत होते हैं। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके वित्तीय मानदंड मजबूत हों।हम बैंकों के मालिकाना हक के प्रति तटस्थ हैं। उन पर मालिकाना हक किनका है इससे हमें कोई मतलब नहीं है। 

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