मोटर इंश्योरेंस क्लेम के लिए जानिए क्या है सबसे आसान रास्ता
मुंबई– मोटर वाहन हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुके हैं और इन पर अपने रोजमर्रा के जीवन के लिए काफी हद तक निर्भर हैं। आज जब महामारी के दौर में लोग खुद को सुरक्षित रखने के लिए सार्वजनिक परिवहन और टैक्सी सेवाओं से परहेज कर रहे हैं, तो ऐसे में पर्सनल गाड़ी रखने की जरूरत ज्यादा बढ़ गई है। यदि आपके पास कोई गाड़ी है तो आपके पास एक मोटर बीमा कवर भी होगा या कम से कम एक थर्ड पार्टी का कवर होगा जो कानूनन अनिवार्य है। व्यक्तिगत वाहन खरीदने वाले लोगों की बड़ी संख्या के कारण, इन्श्योरेंस प्रोडक्ट के बाद मोटर इंश्योरेंस की सबसे अधिक मांग बन गई है और हर साल इसके बढ़ते क्लेम्स की संख्या इस तथ्य की पुष्टि करती है।
पर ज्यादातर लोगों को कुछ भी समझ में नहीं आता जब वे पहली मोटर इंश्योरेंस का क्लेम फ़ाइल कर रहे होते हैं। इस लेख का उद्देश्य पाठकों को मोटर इंश्योरेंस क्लेम के बारे में समझने में उनकी मदद करना है। मोटर इंश्योरेंस क्लेम को आम तौर पर दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है – कैशलेस क्लेम और रीइम्बर्समेन्ट क्लेम।
कैशलेस क्लेम-
कैशलेस क्लेम के तहत, आपको अपने वाहन को नुकसान पहुंचने के बाद रिपेयर के लिए अपनी जेब से कुछ भी खर्च नहीं करना होता है। बीमाकर्ता सीधे अपने नेटवर्क गैरेज को मरम्मत के लिए किए गए खर्चों का भुगतान कर देता है। अगर लागू होता है तो एक ग्राहक के तौर पर आपको केवल अवमूल्यन (depreciation) और कटौती (deductible) भुगतान करना पड़ता है। अवमूल्यन का प्रतिशत कार की उम्र और क्षतिग्रस्त हिस्से के हिसाब से बदलता रहता है।
उदाहरण के लिए, फाइबर ग्लास के लिए 30% कीमतों में गिरावट होती है। इसलिए यदि यह विशेष हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाता है और इसे बदलने करने की आवश्यकता होती है, तो बीमाकर्ता शेष 30% के साथ लागत का 70% भुगतान करेगा जो पॉलिसीधारक द्वारा वहन किया जाएगा। कटौती (Deductible) वह राशि है जिसे बीमा कवर लेने से पहले बीमित व्यक्ति को भुगतान करना पड़ता है। मान लीजिए कि अनिवार्य कटौती 2,000 रुपये है और बीमित व्यक्ति के पास 6,000 रुपये का क्लेम है, फिर बीमित व्यक्ति को पहले 2,000 रुपये का भुगतान करना होगा और बीमाकर्ता शेष 4,000 रुपये का भुगतान करेगा। कुल मिलाकर, कैशलेस सेटलमेंट, पॉलिसीधारक के लिए एक स्मूद और परेशानी से मुक्त प्रक्रिया होती है।
रीइम्बर्समेन्ट क्लेम –
रीइम्बर्समेन्ट क्लेम के तहत, आपके वाहन को हुए किसी भी नुकसान के मामले में, आप किसी भी गैरेज (नेटवर्क गैरेज के बाहर) में अपने वाहन की मरम्मत करवा सकते हैं। आपको मरम्मत की लागत वहन करनी होगी और बाद में बीमाकर्ता के साथ रीइम्बर्समेन्ट क्लेम के लिए आवेदन करना होगा। पर यह सुनिश्चित करें कि आप गैरेज से सभी मरम्मत रसीदें और बिल ले लें। बीमाकर्ता क्लेम के दस्तावेजों और बिलों को वेरीफाई करने के बाद भुगतान करेगा।
घटना के आधार पर मोटर इंश्योरेंस में तीन प्रकार के क्लेम्स होते हैं:- थर्ड पार्टी लायबिलिटी, खुद से नुकसान और चोरी
थर्ड पार्टी (टीपी)- थर्ड पार्टी भारत में कानून द्वारा एक अनिवार्य कवर है। टीपी का उद्देश्य किसी तीसरे पक्ष द्वारा क्लेम किए गए कानूनी दायित्व के खिलाफ कवरेज प्रदान करना है जिसमें उन्हें आपके वाहन से नुकसान या चोट का सामना करना पड़ा है। टीपी सेक्शन आपको या आपके वाहन को कोई कवर प्रदान नहीं करता है। टीपी के तहत, एक तीसरी पार्टी जिसे आपके वाहन से उत्पन्न चोट, संपत्ति के नुकसान या मृत्यु का सामना किया है, मुआवजे के लिए दावा कर सकता है।
मृत्यु या चोट लगने की स्थिति में मुआवजे पर कोई सीमा सीमित नहीं होती है, यह राशि कोर्ट द्वारा तय की जानी है। यदि आप किसी दुर्घटना में थर्ड पार्टी हैं, तो आपको तुरंत प्राथमिकी (FIR) दर्ज करानी होगी और वाहन मालिक से टीपी बीमा का डिटेल्स पता करना होगा। आपको मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (एमएसीटी) में मुआवजे के लिए फाइल करना होगा। आप क्लेम चाहे तो वहां फ़ाइल कर सकते हैं जहां दुर्घटना हुई थी या जहां आप रहते हैं। मोटर क्लेम्स जो आप फाइल कर सकते हैं उसमें शारीरिक विकलांगता या नुकसान के लिए मुआवजा और विकलांगता के कारण कमाई न कर सकने के लिए मुआवजा। इसमें मेडिकल खर्च, संपत्ति का नुकसान और दुर्घटना के कारण आपकी मृत्यु की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में आपके आश्रित मुआवजे के लिए फाइल कर सकते हैं
खुद से नुकसान (ओडी) – ओडी प्रेम की बात तब सामने आती है जब आपकी गाड़ी दुर्घटना से क्षतिग्रस्त हो जाती है। इस स्थिति में सबसे पहले आपको पुलिस और आपके बीमाकर्ता को सूचित करना होता है। आपको पुलिस और बीमाकर्ता की सहमति के बिना दुर्घटना स्थल से अपने वाहन को तब तक वहां से हटाना नहीं चाहिए। जब आप दुर्घटनास्थल से वाहन को हटाने के लिए सहमति मिल जाती है, तो आप रिपेयर के लिए वाहन वहां ले जा सकते हैं और बीमा कंपनी या तो कैशलेस या रीइम्बर्समेन्ट के आधार पर भुगतान कर देगा।
चोरा- ऐसी स्थिति में जब आपका वाहन चोरी हो गया है, आपको पुलिस में एफआईआर दर्ज करानी होगी, बीमाकर्ता और आरटीओ को चोरी के बारे में सूचित करना होगा। इसके लिए आपको एफआईआर, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट आदि की कॉपी बीमाकर्ता को जमा करनी होगी। पुलिस मामले की जांच करेगी, हालांकि, अगर 90 दिनों के भीतर आपके वाहन का पता नहीं चला तो पुलिस नो ट्रेस रिपोर्ट जारी करेगी। चोरी के मामले में क्लेम निपटाने के लिए नो ट्रेस रिपोर्ट अनिवार्य है। एक बार जब आप आवश्यक दस्तावेजों के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं, तो बीमाकर्ता क्लेम सेटलमेंट के लिए प्रक्रिया शुरू कर देगा।
बीमा उद्योग तेजी से डिजिटलीकरण की ओर बढ़ रहा है और तेजी से क्लेम सेटलमेंट के लिए वैज्ञानिक अनुप्रयोगों (scientific applications) के साधनों का उपयोग कर रहा है। इन्हीं क्लेम सेटलमेंट में ऐसा ही एक इनोवेशन “ऑन द स्पॉट सेटलमेंट” है जो ऐप्स या इंश्योरर की वेबसाइट के जरिए किया जाता है।
इसमें बीमित व्यक्ति को अपने वाहन को हुए नुकसान की तस्वीरें क्लिक कर उसे बीमाकर्ता के ऐप या पोर्टल पर अपलोड करना होता है। बीमाकर्ता इन चित्रों और डेटा एनालिटिक्स टूल का उपयोग करते हैं और एक क्लेम अमाउंट फिक्स करते हैं और यदि यह बीमित व्यक्ति को स्वीकार्य होता है, तो 20 मिनट से भी कम समय में निपटाया अर्थात भुगतान कर दिया जाता है। इस तरह के इन्नोवेशन के साथ, बीमित व्यक्ति आसानी से कम समय में क्लेम पा सकता है और बिना किसी वित्तीय परेशानियों के अपने वाहन की मरम्मत भी तुरंत करा सकता है।