देश के 3 बड़े म्यूचुअल फंड ने दिसंबर में किन शेयरों को खरीदा और किसको बेचा, यहां देखिए
मुंबई– शेयर बाजार में पिछले दो दिनों से गिरावट है। हालांकि यह लगातार नई ऊंचाई बना रहा था। देश की 3 सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनियों ने दिसंबर में किन शेयरों को खरीदा और किन शेयरों को बेचा, हम आपको यहां बता रहे हैं।
इन 3 म्यूचुअल फंड हाउस के पास देश के कुल म्यूचुअल फंड के असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) का करीबन 47% हिस्सा है। इनके पास 14 लाख करोड़ का AUM है। देश की फंड इंडस्ट्री का AUM 29.72 लाख करोड़ रुपए है। ऐसे में म्यूचुअल फंड द्वारा शेयरों को खरीदना और बेचना किसी शेयर के लिए खास मायने रखता है। इससे यह पता चलता है कि कौन सा शेयर आगे बढ़ सकता है कौन से शेयर में मुनाफा कमाना चाहिए।
देश की सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनी SBI म्यूचुअल फंड ने दिसंबर महीने में लॉर्ज कैप शेयरों की जमकर खरीदी की है। इसने सूचना एवं प्रौद्योगिकी कंपनी (IT) शेयरों में खरीदी की है। इसने लॉर्ज कैप में इंफोसिस, HCL टेक और टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस (TCS) को खरीदा है। हेल्थकेयर में इसने डॉ. रेड्डी और सन फार्मा का शेयर खरीदा है।
ब्रिटानिया, डिवीज लैब, टाटा स्टील और लार्सन एंड टूब्रो के शेयर को इसने बेचा है। हाल में इन शेयरों में अच्छी तेजी दिखी थी। निजी बैंक में इसने कोटक महिंद्रा बैंक और बंधन बैंक का शेयर बेचा है। मिड और स्माल कैप में इसने टाटा केमिकल्स, कैनरा बैंक और एस्कार्ट का शेयर खरीदा है।
ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने दिसंबर में बिरला सॉफ्ट, GMR इंफ्रा, फेडरल बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल, मैक्स फाइनेंशियल के शेयरों को खरीदा है। इसी के साथ इसने ITC, रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL), HDFC, HDFC बैंक, SBI, NTPC, ONGC और टाटा पावर के शेयरों को बेचा है।
देश का दूसरा सबसे बड़ा फंड हाउस HDFC म्यूचुअल फंड ने IRCTC, इक्विटास स्माल फाइनेंस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल, बिरला कॉर्प और हैवेल्स के शेयर को खरीदा है। लॉर्ज कैप में ही इसने सन फार्मा और ल्युपिन का शेयर खरीदा है। लॉर्ज कैप में इसने ICICI बैंक, HDFC बैंक, पावर ग्रिड, टाटा स्टील और वेदांता का शेयर बेचा है। बता दें कि फंड हाउसों के पास इस तरह का फैसला लेने के लिए एक अच्छी रिसर्च की टीम होती है। इस टीम के फंड मैनेजर के पास एक लंबे समय का अनुभव होता है। यही कारण है कि अगर आप डायरेक्ट शेयर में निवेश करने की बजाय इक्विटी म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश करते हैं तो आपको जोखिम बिलकुल कम होता है।