स्टार्टअप फंडिंग में गिरावट, लेकिन सौदे का आकार दोगुना; 2025 बना आईपीओ और नकदी का साल
मुंबई-लंबे समय तक फंडिंग में आई मंदी के बाद 2025 भारतीय स्टार्टअप्स के लिए बेहतर वर्ष बनकर उभरा है। हालांकि, कुल फंडिंग जुटाने में जरूर कमी आई लेकिन सौदों का आकार दोगुना बढ़कर 14 लाख डॉलर पर पहुंच गया है। 2024 में यह आकार 7 लाख डॉलर था। इस साल इस क्षेत्र को आईपीओ के जरिये अच्छी खासी पुंजी जुटाने में मदद मिली है।
आंकड़ों के अनुसार, देश के प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स ने 2025 में 10.5 अरब डॉलर जुटाए। यह 2024 के 12.7 अरब डॉलर से 17 फीसदी और 2023 के 11 अरब डॉलर से 4 प्रतिशत कम है। 10 करोड़ डॉलर से अधिक के फंडिंग राउंड की संख्या 2024 के 19 की तुलना में घटकर 14 रह गई। हालांकि बड़े सौदों में एरिशा ई मोबिलिटी (एक अरब डॉलर), जेप्टो (45 करोड़ डॉलर) और ग्रीनलाइन (27.5 करोड़ डॉलर) शामिल हैं।
कम फंडिंग के बावजूद स्टार्टअप आईपीओ में आई तेजी के चलते नकदी में जबरदस्त उछाल आया। लेंसकार्ट, ग्रो, मीशो और फिजिक्सवाला समेत 18 स्टार्टअप भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट हुए। ईन्होंने मिलकर 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग जुटाई। 2024 में यह आंकड़ा 29,000 करोड़ रुपये था।
ब्लॉकबस्टर आईपीओ का साल रहा 2025
विश्लेषकों के मुताबिक, 2025 नकदी और ब्लॉकबस्टर आईपीओ का साल है। इस वर्ष में रिकॉर्ड संख्या में वेंचर कैपिटल और पीई समर्थित कंपनियों ने शेयर बाजार में कदम रखा। यह इस लिहाज से एक रिकॉर्ड वर्ष था। उदाहरण के लिए, पीक एक्सवी, एलिवेशन जैसे फंड को देखें तो उनके पोर्टफोलियो में कई आईपीओ शामिल थे। कुछ लिस्टिंग में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। इनमें अर्बन कंपनी का शेयर लिस्टिंग पर 58.26 फीसदी बढ़ा। मीशो का 53 फीसदी ज्यादा भाव पर लिस्ट हुआ। हालांकि, लेंसकार्ट और ब्लूस्टोन जैसी अन्य कंपनियों को कम रिस्पांस का सामना करना पड़ा।
रिटेल, फिनटेक और परिवहन का सबसे अच्छा प्रदर्शन
वैश्विक टैरिफ व्यवधानों और देशों के बीच तनावों से प्रभावित इस वर्ष रिटेल, फिनटेक, परिवहन, लॉजिस्टिक्स और त्वरित वाणिज्य सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले क्षेत्र बनकर उभरे। एंटरप्राइज एप्लिकेशन (2.6 अरब डॉलर), रिटेल (2.4 अरब डॉलर) और फिनटेक (2.2 अरब डॉलर) ने फंडिंग को मजबूती प्रदान करना जारी रखा। उद्योग के अनुमानों के अनुसार, भारत अब दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम का मेजबान है, जिसके सालाना 12-15 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है।
इस वर्ष 44,000 नए स्टार्टअप बने
देश की स्टार्टअप गाथा उल्लेखनीय घरेलू विकास की मिसाल है। लगभग 200,000 डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं। इनमें से अकेले इस वर्ष 44,000 नए जुड़े हैं। 11 नए यूनिकॉर्न और आईपीओ के जरिये 18 कंपनियों की 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाने के साथ भारत अब अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है।

