भारत में एशियन डेवलपमेंट बैंक पांच साल में करेगा 86,000 करोड़ निवेश

मुंबई-एशियन डेवलपमेंट बैंक यानी एडीबी भारत में अगले पांच साल में 86,000 करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर) का निवेश करेगा। यह निवेश शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में होगा। इन परियोजनाओं में मेट्रो रेल का विस्तार, रीजनल रैपिड ट्रांजिट कॉरिडोर्स (आरआरटीएस) और पानी, सेनिटेशन, हाउसिंग जैसी शहरी सेवाएं शामिल होंगी।

एडीबी अध्यक्ष मासातो कांडा ने हाल में भारत यात्रा पर कहा, इस प्लान में सॉवरेन लोन, निजी क्षेत्र में फंडिंग और थर्ड पार्टी कैपिटल को शामिल किया जाएगा। यह निवेश भारत की संगठित रणनीति को मदद करेगा, क्योंकि देश का लक्ष्य 2030 तक अपनी 40 फीसदी से ज्यादा आबादी को शहरों में रहने की उम्मीद में इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करना है।

कांडा ने कहा, यह पहल उन परियोजनाओं को मदद करेगी, जो कनेक्टिविटी और शहरी सेवाओं में सुधार करती हैं। यह फंडिंग भारत के अर्बन चैलेंज फंड (यूसीएफ) के जरिये की जाएगी। इसका उद्देश्य शहरी बुनियादी परियोजनाओं के लिए निजी निवेश को आकर्षित करना है। एडीबी इन परियोजनाओं को बनाने और स्थानीय सरकारों का मदद करने में मदद के लिए 30 करोड़ डॉलर (26 करोड़ रुपये) का टेक्निकल असिस्टेंट भी देगा।

कांडा ने कहा, शहर विकास के इंजन हैं। एडीबी पूंजी जुटाएगा, वितरण में तेजी लाएगा। ऐसे समाधानों को आगे बढ़ाएगा, जिससे भारत की शहरी अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती रहे और लोग 2047 तक विकसित भारत के रास्ते पर आगे बढ़ते रहें। भारत के 100 शहरों में विकास केंद्रों, रचनात्मक शहर पुनर्विकास, तथा जल एवं स्वच्छता उन्नयन पर विश्लेषणात्मक कार्य यूसीएफ के लिए आधार तैयार कर रहे हैं।

एडीबी पहले से ही 22 राज्यों के 110 से अधिक शहरों के साथ जलापूर्ति, स्वच्छता, आवास और ठोस कचरा प्रबंधन परियोजनाओं पर काम कर रहा है। एडीबी ने दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस, मुंबई मेट्रो, नागपुर मेट्रो, चेन्नई मेट्रो और बेंगलुरु मेट्रो सहित आठ शहरों में 300 किलोमीटर की दूरी तक फैली मेट्रो परियोजनाओं और आरआरटीएस के लिए 4 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है।

एडीबी विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा, निजी क्षेत्र के विकास को गति देने और विशेष रूप से भारत के युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण नौकरियों के सृजन के लिए राष्ट्रीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान उन्नयन कार्यक्रम के जरिये कौशल विकास में भी निवेश करेगा। कांडा ने एडीबी समर्थित दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का दौरा किया। यहां उन महिलाओं से बात की जिनकी आजीविका परियोजना से जुड़े प्रशिक्षण के माध्यम से बेहतर हुई है।

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