भारत फोर्ज के कल्याणी परिवार की कानूनी लड़ाई और तेज, जानिए नया विवाद

मुंबई- कल्याणी परिवार से जुड़े विवाद में एक नया मोड़ आ गया है। भारत फोर्ज ग्रुप के चेयरमैन बाबा कल्याणी और उनके भाई-बहनों के बीच प्रॉपर्टी को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है। अब बाबा कल्याणी (75) और उनके छोटे भाई गौरीशंकर कल्याणी (69) के बीच अपनी दिवंगत मां सुलोचना की वसीयत को लेकर नया विवाद पैदा हो गया है।

बाबा ने पुणे सिविल कोर्ट में सुलोचना की 27 जनवरी, 2012 की वसीयत को प्रमाणित करने की मांग की है। लेकिन गौरीशंकर ने इसे चुनौती देते हुए 17 दिसंबर, 2022 की एक और वसीयत पेश की है। अलग-अलग वसीयत में संपत्ति के बंटवारे को लेकर अलग-अलग बातें कही गई हैं। मामले की सुनवाई अगले महीने होने की उम्मीद है।

बाबा, गौरीशंकर और उनकी बहन सुगंधा हिरेमठ के बच्चों के बीच पहले से ही कानूनी लड़ाई चल रही है। हिरेमठ परिवार ने एक याचिका दाखिल करके कल्याणी परिवार की हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के नियमों के मुताबिक संपत्ति में नौवां हिस्सा मांगा है। कल्याणी परिवार की कुल वेल्थ 65,000 से 70,000 करोड़ रुपये के बीच है। बाबा और गौरीशंकर दोनों ने संपत्ति के बंटवारे की याचिका को खारिज करने की मांग की है। उनका कहना है कि उनके भांजे और भांजी का इन संपत्तियों पर कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

सुलोचना का फरवरी 2023 में 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। वह अपने पीछे काफी प्रॉपर्टी छोड़ गईं। इसमें महाराष्ट्र में कई अचल संपत्तियां, पुणे में उनका पारिवारिक आवास पार्वती निवास, भारत फोर्ज और कल्याणी फोर्ज में शेयर, सोने और हीरे के गहने और एफडी शामिल हैं। 2012 की वसीयत में सुलोचना की संपत्ति उनके बच्चों बाबा, गौरीशंकर और सुगंधा को दी गई है। लेकिन इसमें सबको बराबर हिस्सा नहीं दिया गया है।

बाबा को कल्याणी ग्रुप की कंपनियों में उनकी मां के शेयरों का एक बड़ा हिस्सा मिला है। इसमें भारत फोर्ज और कल्याणी एचयूएफ के तहत अचल संपत्तियां और आभूषण का हिस्सा शामिल है। गौरीशंकर और सुगंधा को कुछ प्रॉपर्टीज, गहने और अन्य संपत्तियां दी गई हैं। सुगंधा देश में प्रमुख विशेष रसायन कंपनियों में से एक हिकल की निदेशक हैं।

गौरीशंकर ने अदालत में दावा किया है कि 2012 की वसीयत बाबा ने अनुचित तरीके से हासिल की थी। उन्होंने 9 दिसंबर, 2022 की वसीयत का हवाला दिया। इसमें सुलोचना ने कथित तौर पर सभी पिछली वसीयतें रद्द कर दीं ताकि उनकी संपत्ति गौरीशंकर और उनके परिवार को मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि बाबा उनकी संपत्तियों को हड़पने का प्रयास कर रहे हैं।

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