घर खरीद रहे हैं तो कीजिए इंतजार, जून के बाद मिलेगा सस्ता होम लोन
मुंबई- आप घर लेने की सोच रहे हैं तो कुछ दिन और इंतजार कीजिए। सस्ते ब्याज पर कर्ज मिलेगा। जिस तरह की स्थितियां बन रही हैं, उसमें यह उम्मीद है कि आरबीआई जून या फिर अगस्त में दरों में जरूर कटौती करेगा।
आरबीआई ने अप्रैल में द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति की बैठक में सातवीं बार रेपो दर को जस का तस रखा है। हालांकि, अब जून या अगस्त की बैठक में दरों में कटौती की भरपूर उम्मीद है। कारण यह है कि मार्च की खुदरा महंगाई दर पांच फीसदी से नीचे है। खुद आरबीआई गवर्नर मान रहे हैं कि महंगाई अब कम हो रही है। साथ ही वैश्विक स्तर पर भी केंद्रीय बैंक दरों में कटौती की योजना बना रहे हैं।
नई सरकार के जून में आने के बाद हो सकता है कि सरकार भी आपको तोहफा दे दे। 4 जून को चुनाव के परिणाम आएंगे और 5-7 जून तक आरबीआई की बैठक होनी है। ऐसे में सारे माहौल दरों को कम करने का संकेत दे रहे हैं।
कोरोना के बाद लगातार रेपो दर में कटौती और फिर महंगाई को रोकने के लिए लगातार दरों में बढ़ोतरी ने रेपो दर को कई साल के ऊपरी स्तर 6.5 पर ला दिया है। हालांकि, फिर भी होम लोन की ब्याज दरें दो अंकों से कम में ही हैं।
आंकड़े बताते हैं कि 75 लाख के होम लोन पर एसबीआई इस समय 8.50 से 9.85 फीसदी ब्याज पर कर्ज दे रहा है। बैंक ऑफ बड़ौदा 8.40 फीसदी से 10.65 फीसदी, यूनियन बैंक 8.35 से 10.90 फीसदी और पंजाब नेशनल बैंक 8.40 से 10.15 फीसदी पर कर्ज दे रहा है। बैंक ऑफ इंडिया की दर 8.40 से 10.85 फीसदी और कैनरा की 8.45 से 10.25 फीसदी है।
वैसे पिछले दो वर्षों में मकानों की कीमतों में जमकर तेजी आई हैं। खासकर देश के सात प्रमुख शहरों में कीमतें 30 फीसदी तक बढ़ गई हैं। बावजूद इसके मकानों की बिक्री कम नहीं हुई है और यह रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इससे पता चलता है कि मकानों की मांग बढ़ी है। हालांकि, मकानों की तुलना में आप दुकानें या ऑफिस जैसी वाणिज्यिक संपत्तियां खरीदकर उन्हें किराये पर देकर पैसा कमा सकते हैं। अमूमन घरों की तुलना में व्यावसायिक संपत्तियों से आपको ज्यादा किराया मिलता है। पर ध्यान रहे कि दोनों मामलों में आपको टैक्स अदा करना होगा।
अगर आप 50 लाख रुपये से ज्यादा के मकान खरीद रहे हैं तो बेचने वाले का पैन कार्ड चेक करें। इस तरह की संपत्तियों पर खरीदने वाले को एक फीसदी टीडीएस काटना होता है। यह टीडीसी आयकर विभाग के पास जमा करना होता है। हालांकि अगर आपने बेचने वाले का पैन कार्ड नहीं लिया या उसका पैनकार्ड इनऑपरेटिव है तो आपको फिर 20 फीसदी टैक्स काटना होगा। ऐसी स्थिति में आपने टैक्स नहीं काटा है तो फिर यह रकम आपको भरनी होगी। इसलिए कभी भी इस तरह की स्थितियों में बयान रकम देने से पहले पैन जरूर चेक करें।

