शराब के विज्ञापनों पर रोक, 15 दिन में निर्माताओं को देनी होगी उत्पाद लिस्ट
मुंबई- शराब ब्रांडों की ओर से फर्जी विज्ञापनों पर रोक लगाने की तैयारी है। केंद्रीय- उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण यानी सीसीपीए ने कंपनियों से पिछले तीन वर्षों में शराब के साथ बेचे जाने वाले अन्य पेय उत्पादों की सूची 15 दिन के अंदर देने को कहा है। इसी के साथ कंपनियों को बोतल बंद पानी, ताश के पत्ते, म्यूजिक सीडी की बिक्री का राजस्व का आंकड़ा भी मांगा है।
सीसीपीए ने बुधवार को जारी आदेश में पिछले तीन सालों में ब्रांड एक्सटेंशन के प्रमोशन पर हुए खर्च का विवरण भी मांगा है। इसमें इवेंट स्पॉन्सरशिप, पुरस्कार समारोह, संगीत फेस्टिवल, सेलिब्रिटी और सोशल मीडिया प्रभावितों को किए गए भुगतान और टीवी विज्ञापन शामिल हैं। हालाँकि, शराब के समान ब्रांड नाम या लोगो का उपयोग करके अन्य उत्पादों के प्रचार की अनुमति है, बशर्ते ऐसे विज्ञापन दिशानिर्देशों का पालन करते हों।
सीसीपीए को ऐसे कई उदाहरण मिले हैं जहां उसी ब्रांड से जुड़े अन्य उत्पादों या सेवाओं को बढ़ावा देने के बहाने मादक पेय पदार्थों का विज्ञापन किया जा रहा है। नियामक के अनुसार, इन विज्ञापनों में की सामग्री शराब ब्रांड जुड़ी होती हैं। मादक पेय पदार्थों को इस तरह से बढ़ावा दिया जाता है जो मौजूदा कानूनों को दरकिनार करता है। 13 मार्च को अल्कोहल उद्योग के विभिन्न प्रतिनिधियों ने उपभोक्ता मामलों के सचिव से मुलाकात की थी। इसमें जून 2022 के सीसीपीए के निर्धारित दिशानिर्देशों को और मजबूत करने के लिए स्व-नियमन की योजना साझा की थी।