8 साल तक लड़कर पॉलिसीधारक ने एलआईसी से लिया 1.61 लाख का दावा
मुंबई- भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) से आठ साल तक लड़कर एक पॉलिसीधारक ने 1,60,812 रुपये का दावा लिया है। पॉलिसीधारक ने अपने पिता के हर्निया ऑपरेशन पर 2,16,827 रुपये खर्च किया था। पर एलआईसी ने केवल 17,100 रुपये के दावे का भुगतान किया। जिसके बाद मामला उपभोक्ता अदालत में पहुंचा और अदालत ने एलआईसी को 1,60,812 रुपये भुगतान करने का आदेश दिया।
एलआईसी की जीवन आरोग्य के पॉलिसीधारक ने अपने पिता का 2016 में अपोलो अस्पताल में हर्निया का ऑपरेशन कराया। खर्च की पूरी जानकारी अगरतला शाखा को भेज दी। जीवन आरोग्य पॉलिसी प्रमुख स्वास्थ्य जोखिमों को कवर करती है। एलआईसी के कम रकम भुगतान के बाद पॉलिसीधारक ने जिला उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया। जिला अदालत ने 28 जून, 2019 को एलआईसी को 1,60,812 रुपये का पॉलिसीधारक को भुगतान करने का आदेश दिया।
जिला उपभोक्ता अदालत के फैसले को एलआईसी ने राज्य उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी। आयोग ने 18 जनवरी, 2020 को कहा, वास्तव में एलआईसी को 1,60,812 रुपये का भुगतान करने का निर्देश जिला अदालत ने दिया है। हालांकि, इसमें उपकरण, चिकित्सा प्रशासन और गैर-फार्मेसी सामग्री आदि जैसे अन्य शुल्क नहीं हैं। ऐसे में पॉलिसीधारक को हम इससे ज्यादा रकम भुगतान की मंजूरी नहीं दे सकते हैं। जिला अदालत का फैसला सही है।
एलआईसी ने फिर आयोग के फैसले के खिलाफ राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) में अपील की। एनसीडीआरसी ने 12 जनवरी, 2024 को आदेश में कहा कि जीवन आरोग्य बीमा पॉलिसी के नियमों और शर्तों के मुताबिक, पॉलिसीधारक का दावा सही है। हम एलआईसी की इस दलील से सहमत नहीं हैं कि वेंट्रल हर्निया प्रमुख सर्जिकल लाभ की सूची में शामिल नहीं है। एनसीडीआरसी ने कहा, हम इस तर्क से भी सहमत नहीं हैं कि पॉलिसीधारक ने कोई महत्वपूर्ण तथ्य छिपाया है। राज्य आयोग और जिला फोरम दोनों ने सही आदेश पारित किए हैं। इसलिए इसे बरकरार रखा जाता है।