रिकॉर्ड तेजी के बावजूद सेंसेक्स मुनाफा देने में दूसरे स्थान पर, सोना टॉप पर
मुंबई- इस हफ्ते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) सेंसेक्स ने भले ही पहली बार 70,000 के आंकड़े को पार कर लिया, लेकिन निवेशकों को मुनाफा देने में यह दूसरे स्थान पर रहा है। पिछले हफ्ते रिकॉर्ड 64,000 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंचने वाला सोना रिटर्न देने में पहले स्थान पर रहा है।
चांदी ने भी निवेशकों को 21 फीसदी का मुनाफा दिया है। हालांकि, बिटकॉइन, ब्रेंट क्रूड और रुपये जैसे साधनों ने निवेशकों को घाटा दिया है। 24 सितंबर, 2021 को सेंसेक्स पहली बार 60,000 पर पहुंचा था। तब से अब तक इसने निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया है।
सोना में 34 फीसदी फायदा- सोना आपातकाल में सबसे ज्यादा मददगार होता है। कई देशों में चल रहे तनाव के बीच सोना ने बेहतर प्रदर्शन किया है। पिछले हफ्ते इसने भी पहली बार 64,000 रुपये का स्तर छू लिया। ऐसे में जिस किसी ने भी इसमें एक लाख रुपये का निवेश किया होगा, वह रकम अब 1.34 लाख रुपये हो गई होगी।
सेंसेक्स में 16 फीसदी मुनाफा- सेंसेक्स के 60,000 पहुंचने पर अगर किसी ने एक लाख रुपये का निवेश किया होगा तो यह रकम इस हफ्ते बढ़कर 1.16 लाख रुपये हो गई है। इस दौरान सेंसेक्स के 30 में से तीन शेयरों ने सबसे ज्यादा मुनाफा दिया। इनमें एनटीपीसी ने 131 फीसदी, टाटा मोटर्स ने 127 फीसदी और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 112 फीसदी का फायदा दिया है।
चांदी- में 21 पर्सेंट लाभ- सोने की तरह चांदी भी बहुमूल्य धातुओं में है। यह सोने के साथ ही घटती बढ़ती है। इसने भी पहली बार 80,000 रुपये किलो का भाव छू लिया है। इसमें एक लाख रुपये का निवेश इस समय 1.21 लाख रुपये हो गया है।
बिटकॉइन ने दिया घाटा- पिछले साल तक जबरदस्त मुनाफा देनेवाला यह वर्चुअल निवेश का साधन अब आधी कीमत पर कारोबार कर रहा है। 60,000 डॉलर तक पहुंचने के बाद इसका दाम 18,000 डॉलर तक गिर गया था। इसमें एक लाख रुपये का निवेश इस समय घटकर 98,742 रुपये बन गया है।
ब्रेंट क्रूड में भी घाटा- कई देशों के बीच तनाव से ब्रेंट क्रूड के भी दाम लगातार गिर रहे थे। 35 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने के बाद यह वापस 90 डॉलर का भाव छु लिया। इस समय यह 75 डॉलर के आसपास है। एक लाख रुपये का निवेश इसमें 95,582 रुपये रह गया है।
रुपया ने सबसे ज्यादा डुबोया- डॉलर की तुलना में सार्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच चुका रुपया इस साल निवेशकों को निराश किया है। इसमें एक लाख रुपये का निवेश घटकर 86,837 रुपये रह गया है। सभी पसंदीदा निवेश के साधनों में सबसे ज्यादा घाटा इसी ने दिया है।