गो फर्स्ट एयरलाइंस के सीईओ कौशिक खोना का इस्तीफा, चीजें पक्ष में नहीं
मुंबई- इस साल मई से बंद पड़ी एयरलाइन गो-फर्स्ट के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) कौशिक खोना ने इस्तीफा दे दिया है। कौशिक ने कहा, ‘भारी मन से सूचित कर रहा हूं कि आज कंपनी में मेरा आखिरी दिन है। दुर्भाग्य से भारी प्रयासों के बावजूद चीजें पक्ष में काम नहीं कर रही हैं।’
कौशिक अगस्त 2020 में CEO के रूप में गो फर्स्ट में लौटे थे। इससे पहले, वे 2008 से 2011 तक एयरलाइन के साथ थे। गो फर्स्ट की फ्लाइट 3 मई से बंद है। इसके तुरंत बाद वो स्वैच्छिक दिवालिया याचिका के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी NCLT पहुंच गई थी।
जून 2023 से ऑपरेशन शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन अभी भी देरी हो रही है। कौशिक ने कहा- ‘हमें उम्मीद थी कि हम जून 2023 तक ऑपरेशन फिर से शुरू कर लेंगे, लेकिन डिले हो गया।’ उन्होंने कहा कि ‘एयरलाइन के सभी कर्मचारियों ने डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) की मंजूरी पाने के लिए बहुत डेडिकेशन के साथ काम किया है।’
21 जुलाई 2023 को DGCA की अनुमति मिलने पर उम्मीदें फिर से बुलंदी पर पहुंच गईं थी। उन्होंने लगभग छह महीने तक पेमेंट नहीं होने के बावजूद, अक्टूबर तक विमान के मेंटेनेंस के लिए एम्प्लॉइज की तारीख की। खोना ने कहा, मैं चाहता था कि आप सभी को उनका बकाया पेमेंट कर दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका, इसलिए भारी मन से मैंने जाने का फैसला किया है।’
कौशिक ने कहा, ‘कंपनी की काफी वैल्यू है, लेकिन दुर्भाग्य से रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (RP) को ऐसा कोई नहीं मिला जो इसे आगे ले जा सके।’ जस्टिस रामलिंगम सुधाकर और LN गुप्ता की दो सदस्यीय बेंच ने गो फर्स्ट एयरलाइन को चलाने के लिए अभिलाष लाल को इंटेरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल यानी IRP नियुक्त किया था। बाद में शैलेन्द्र अजमेरा को IRP बनाया गया।
एयरलाइन का दावा है कि इंजनों की सप्लाई नहीं होने से उसे अपने ऑपरेशन बंद करने पड़े है। अमेरिका के एयरक्राफ्ट इंजन मैन्युफैक्चरर प्रैट एंड व्हिटनी (PW) को गो फर्स्ट को इंजन की सप्लाई करनी थी, लेकिन उसने समय पर इसकी सप्लाई नहीं की। ऐसे में गो फर्स्ट को अपनी फ्लीट के आधे से ज्यादा एयरक्राफ्ट ग्राउंडेड करने पड़े। इससे उसे भारी नुकसान हुआ।