सरकार की सख्ती का असर, गेहूं की कीमतों में दिख रही है भारी गिरावट 

मुंबई- गेहूं पर सरकारी सख्ती का असर दिखने लगा है। सरकार द्वारा गेहूं की महंगाई थामने के लिए स्टॉक लिमिट लगाने के दूसरे दिन गेहूं की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। कारोबारियों के मुताबिक आने वाले दिनों में गेहूं के भाव और गिर सकते हैं। केंद्र सरकार ने सोमवार को थोक कारोबारियों के लिए 3,000 टन और खुदरा कारोबारियों के लिए 10 टन स्टॉक रखने की लिमिट तय की है। साथ ही सरकार ने खुले बाजार में बिक्री योजना ओएमएसएस के तहत 15 लाख टन गेहूं उतारने की भी घोषणा की है। 

उत्तर प्रदेश की हरदोई मंडी के गेहूं कारोबारी संजीव अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाने के फैसले के दूसरे दिन हरदोई मंडी में गेहूं के भाव 40 रुपये गिरकर 2,270 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। अग्रवाल ने कहा कि थोक व खुदरा कारोबारियों के लिए स्टॉक लिमिट की सीमा पर्याप्त है। इसलिए भाव ज्यादा नहीं गिरे।  

जानकारों के मुताबिक स्टॉक लिमिट लगने से गेहूं उत्पादक राज्यों की मंडियों में गेहूं की कीमतों में आज 40 से 60 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली की मंडियों में भाव 60 रुपये गिरकर 2,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इंदौर मंडी में भाव 70 रुपये गिरकर 2,290 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बडे रिटेलरों को इस स्टॉक लिमिट से खास फर्क नहीं पड़ने वाला है। छोटे कारोबारी जिनके पास तय स्टॉक से ज्यादा भंडारण है, उन्हें थोड़ी परेशानी हो सकती है। इस बार कारोबारियों ने बहुत ज्यादा स्टॉक नहीं किया है। इसलिए स्टॉक लिमिट से खास समस्या नहीं होने वाली है। 

खुला बाजार बिक्री योजना के तहत पहले चरण में केंद्रीय पूल से थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों को 15 लाख टन गेहूं बेचने का भी निर्णय लिया है। गेहूं की यह बिक्री 2,125 और 2,150 रुपये प्रति क्विंटल के भाव होगी। इससे गेहूं की कीमतों में और नरमी आ सकती है। आने वाले दिनों में हरदोई मंडी में गेहूं के भाव गिरकर 2,200 रुपये प्रति क्विंटल आ सकते हैं। गेहूं की कीमतों पर स्टॉक लिमिट से ज्यादा खुले बाजार में गेहूं की बिक्री का असर होगा। पॉल कहते हैं कि खुले बाजार में गेहूं की बिक्री होने से गेहूं के दाम 50 से 60 रुपये और गिर सकते हैं। 

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