एक अप्रैल से होंगे ये प्रमुख बदलाव, जानिए आपके वित्तीय जीवन पर असर
नई दिल्ली। कल से नया वित्त वर्ष 2023-24 शुरू होगा। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस वित्त वर्ष में बहुत कुछ बदल जाएगा। इसकी शुरुआत भी शनिवार से ही हो जाएगी। इसमें तमाम तरह के बदलाव हैं। कुछ हर महीने बदलते हैं तो कुछ पहली बार बदले हैं। आज इसी बदलावों की हम बात करेंगे, जिसका आप के जीवन पर सीधा असर पड़ेगा।
उपभोक्ता मंत्रालय एक अप्रैल से सोने के आभूषणों की बिक्री के नियमों में बदलाव कर रहा है। नए नियम के अनुसार, 31 मार्च, 2023 के बाद चार अंकों के हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (एचयूआईडी) वाले गहनों की बिक्री नहीं की जा सकती है। एक अप्रैल 2023 से सिर्फ छह अंकों वाले हॉलमार्क ज्वैलरी की ही बिक्री की जाएगी। इससे जूलरी की शुद्धता और गुणवत्ता का गारंटी मिलेगी। इससे तमाम जानकारी जुटाना आसान हो जाएगा।
एक अप्रैल से डेट म्युचुअल फंड में निवेश के नियम बदल जाएंगे। इसके तहत अब लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की परिभाषा बदल गई है। नए नियम उन डेट म्युचुअल फंड पर लागू होंगे, जिन्होंने शेयर बाजार में 35 फीसदी से कम निवेश कर रखा है। इसके तहत निवेश पर मिलने वाले रिटर्न पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। इस कारण निवेशकों को पहले से ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा।
नए वित्त वर्ष से मारुति की कारें, टाटा के व्यावसायिक वाहन, हीरो के चुनिंदा दोपहिया वाहन भी महंगे हो जाएंगे। यानी अप्रैल से वाहन खरीदने के लिए आपको ज्यादा पैसा चुकाना पड़ेगा। इन कंपनियों ने पिछले दिनों ही कहा कि लागत बढ़ने से उन्हें इसका कुछ भार ग्राहकों पर डालना पड़ रहा है।
एक अप्रैल से जारी होने वाली पांच लाख रुपये से अधिक के सालाना प्रीमियम की परंपरागत बीमा पॉलिसी से होने वाली कमाई पर टैक्स देना होगा। हालांकि इसमें यूलिप (यूनिट लिंक्ड प्लान इंश्योरेंस) प्लान पर असर नहीं होगा। ऐसे में इस बदलाव का असर ज्यादा प्रीमियम देने वाले पॉलिसी धारक पर होगा।
नए नियम के तहत रीट और इनविट में कर्ज भुगतान किया जाता है तो इस पर टैक्स लगेगा। इसके तहत कंपनियां यूनिट धारकों को कर्ज पुनर्भुगतान के रूप में रकम देती हैं। रीट ऐसी योजना है जो निवेशकों से पैसा जुटाकर उसे रियल एस्टेट में निवेश करती है। इसी तरह से इनविट ऐसी योजना है जिसके तहत कंपनियां पैसा जुटाकर इन्फ्रा में निवेश करती हैं।
ऑनलाइन गेमिंग से कितनी भी कमाई हो, अब 30 फीसदी टैक्स देना होगा। पहले 10 हजार रुपये या इससे ज्यादा की कमाई पर ही टैक्स लगता था। लेकिन एक अप्रैल से इसे हर तरह की कमाई पर टैक्स के दायरे में ला दिया गया है।
अगर आप अगले वित्त वर्ष से आयकर भरने के लिए पुरानी या नई कर व्यवस्था में से किसी का चयन नहीं करते हैं तो आप ऑटोमैटिक नई व्यवस्था में चुने जाएंगे। बजट में वित्त मंत्री ने इसे पेश किया था। नई कर व्यवस्था में 7.27 लाख रुपये सालाना कमाई पर आपको 25,000 रुपये का कर देना होगा। इसमें 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन के अलावा कोई छूट नहीं है। पुरानी कर व्यवस्था में ढाई लाख तक की कमाई कर मुक्त है। हालांकि, इसमें कई तरह की छूट शामिल हैं। नई व्यवस्था की कर सीमा भी अब 7 लाख रुपये हो जाएगी जो पहले पांच लाख रुपये थी।
एक अप्रैल से वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) और पोस्ट ऑफिस मासिक योजना (पीओएमआईएस) में निवेश दोगुना हो जाएगा। एससीएसएस में 15 लाख रुपये सालाना की सीमा अब 30 लाख रुपये हो जाएगी। यानी अगर किसी ने इसमें अधिकतम 15 लाख रुपये पहले निवेश करता था तो उसे 8 फीसदी ब्याज दर से 5 साल में 6 लाख रुपये का ब्याज मिलता था। अब अधिकतम 30 लाख की निवेश सीमा पर उसे 12 लाख रुपये का ब्याज मिलेगा।
पीओएमआईएस में पहले व्यक्तिगत निवेश की 4.5 लाख रुपये सीमा थी, जो अब 9 लाख रुपये हो गई है। संयुक्त खाते में यह सीमा 9 लाख से बढ़कर 15 लाख रुपये हो गई है।
इस योजना को पहली बार शुरू किया गया है। इसमें महिलाएं या युवतियां अधिकतम दो लाख रुपये का निवेश कर सकती हैं। इस पर 7.5 फीसदी की दर से तय ब्याज मिलेगा। यह योजना केवल दो साल के लिए होगी। यानी इस अवधि में कुल 30,000 रुपये का ब्याज मिलेगा। इसमें आंशिक निकासी की भी सुविधा है।
नए वित्त वर्ष से गैर सरकारी कर्मचारियों के लिए कुछ छूट दी गई हैं। इसके तहत लीव एनकैशमैंट की सीमा अब 25 लाख रुपये कर दी गई है। पहले यह तीन लाख रुपये ही थी। साल 2002 में इसे तीन लाख रुपये किया गया था और 20 सालों में पहली बार इसमें बदलाव हुआ है।
इलेक्ट्रॉनिक सोने को खरीदने को बढ़ावा देने के लिए अब भौतिक सोने से ई-सोने में बदलाव पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा। साथ ही ई-सोने से भौतिक सोने के बदलाव में भी कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा।
एक अप्रैल से पेट्रोल-डीजल और गैस की नई कीमतें जारी होंगी। ऐसे में उम्मीद है कि इनमें बढ़ोतरी या फिर कोई बदलाव न हो। हालांकि, पिछले महीने घरेलू गैस सिलिंडर में 50 रुपये का इजाफा किया गया था।
नए वित्त वर्ष में होने वाले कुछ बदलावों के लिए मौजूदा समय में टाल दिया गया है। उदाहरण के तौर पर अगर आप पैन और आधार कार्ड को लिंक नहीं कराते तो एक अप्रैल से पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाता। लेकिन अब इसकी समय सीमा तीन महीने बढ़ाकर जून, 2023 कर दी गई है। एक जुलाई से लिंक नहीं कराने पर पैन निष्क्रिय हो जाएगा।
इसी तरह डीमैट, ट्रेडिंग और म्यूचुअल फंड में नॉमिनी के लिए भी अब राहत मिल गई है। इनको भी 31 मार्च तक पूरा करना था। पर अब 30 सितंबर तक इसे पूरा कर सकते हैं।

