टाटा, बिरला, अंबानी जैसे लोग बढ़ा रहे हैं महंगाई, इन्हें तोड़ देना चाहिए 

मुंबई- देश के 5 सबसे बड़े कारोबारी ग्रुप्स को तोड़ देना चाहिए, ये महंगाई को बढ़ा रहे हैं। आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने यह बात कही है। ये 5 बड़े कारोबारी ग्रुप्स रिलायंस ग्रुप, टाटा ग्रुप, आदित्य बिड़ला ग्रुप, अडानी ग्रुप और भारती टेलीकॉम हैं।  

विरल आचार्य ने कहा कि भारत के सबसे बड़े कारोबारी ग्रुप जो रिटेल, रिसोर्सेज और टेलीकॉम सेक्टर में अत्यधिक मूल्य निर्धारण पावर का उपयोग करते हैं, महंगाई को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन बड़े ग्रुप्स को तोड़ दिया जाना चाहिए। आचार्य ने कहा कि ये बड़े ग्रुप छोटी लोकल फर्म्स की कीमत पर बढ़े हैं। आचार्य साल 2017 से 2019 के बीच आरबीआई के डिप्टी गवर्नर रहे थे। उस समय सरकार के आसमान छूते टैरिफ ने इन ग्रुप्स को विदेशी फर्मों की प्रतिस्पर्धा से बचा लिया था। 

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्टर्न स्कूल में इकॉनोमिक्स के प्रोफेसर आचार्य ने कहा, ‘नेशनल चैंपियन बनाना, जिसे कई लोग ‘न्यू इंडिया’ की औद्योगिक नीति मानते हैं, महंगाई को उच्च स्तर पर रखने में सीधे तौर पर मदद करता है।’ उन्होंने सुझाव दिया कि प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और प्राइसिंग पावर को घटाने के लिए इस तरह के ग्रुप्स को तोड़ देना चाहिए।  

उन्होंने कहा, ‘यदि यह काम नहीं करता है तो इन ग्रुप्स को आर्थिक रूप से अनाकर्षक बनाकर इनकी रफ्तार कम कर दी जाए, जब तक कि उत्पादकता लाभ वास्तव में बड़े न हों।’ आचार्य ने उभरते बाजारों पर एक ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट पैनल में प्रस्तुत किये जाने वाले पेपर में यह बात कही। 

आचार्य का तर्क था कि भारतीय उपभोक्ता को इनपुट प्राइस में गिरावट का पूरा लाभ नहीं मिल रहा है। क्योंकि बड़ी 5 कंपनियां हीं मेटल्स, कोक, रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के साथ-साथ खुदरा और टेलीकॉम की मैन्यूफैक्चरिंग को कंट्रोल करती हैं। उन्होंने कहा कि वस्तुओं की महंगाई भारत में उच्च बनी हुई है। जबकि सप्लाई चेन के मुद्दों में सुधार के बाद पिछले साल वैश्विक स्तर पर इसमें गिरावट आई थी। 

भारत की बढ़ी हुई कोर इन्फ्लेशन ने लोन पर ब्याज दरों को काफी हाई कर रखा है। कोर इन्फ्लेशन का सूचकांक लगातार 17 महीनों से 6 फीसदी से ऊपर है। आरबीआई मई से प्रमुख ब्याज दर में 2.5 फीसदी का इजाफा कर चुका है। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि अगले हफ्ते होने वाली बैठक में आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट बढ़ा सकता है। 

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