खुदरा महंगाई मामूली घटी, फिर भी आरबीआई के दायरे से ऊपर
मुंबई- महंगाई के मोर्चे पर मामूली राहत मिली है। फरवरी में खुदरा महंगाई दर गिरकर 6.44 फीसदी रही है। फरवरी 2022 में यह 6.07% रही थी। जनवरी में तीन महीनों के उच्च स्तर 6.52 फीसदी और दिसंबर 2022 में 5.72% पर रही थी। हालांकि, महंगाई दर अभी भी आरबीआई के 6 फीसदी के उच्च स्तर के दायरे से ऊपर है। इस तरह लगातार दूसरे महीने खुदरा महंगाई आरबीआई के दायरे से बाहर रही है। इसे देखते हुए आरबीआई रेपो रेट को बढ़ाकर सात वर्षों के उच्चतम स्तर तक पहुंचा सकता है।
खुदरा महंगाई नवंबर 2022 में 5.88 फीसदी थी। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में खाद्य महंगाई 5.95 फीसदी पर रही। जनवरी में यह 5.94 फीसदी थी। कुल उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में खाद्य बास्केट का 39.06 फीसदी हिस्सा होता है। खाने-पीने के सामान में मामूली बढ़ोतरी हुई है। वहीं दाल-चावल और सब्जियों की कीमतों में थोड़ी कमी आई है, जिसके चलते महंगाई दर में मामूली गिरावट देखने को मिली है।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगली कुछ तिमाहियों तक महंगाई ज्यादा बढ़ने की संभावना नहीं है। लेकिन इसके कम होने की रफ्तार धीमी रहेगी। पिछले साल रुपए में 10% से ज्यादा गिरावट का असर भी महंगाई पर दिख सकता है।
पिछले दो महीनों से बढ़ी हुई खुदरा महंगाई आरबीआई को ब्याज दरें बढ़ाने के लिए प्रेरित करेंगी। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 6 अप्रैल को होनी है। इस बैठक में लगातार सातवीं बार एमपीसी ब्याज दरों को बढ़ा सकती हैं। आरबीआई ने मई 2022 से प्रमुख ब्याज दरों में 2.5 फीसदी का इजाफा किया है। इससे रेपो दर 6.5 फीसदी पर पहुंच गई है। डीबीएस ग्रुप रिसर्च ने कहा कि रिजर्व बैंक अगले महीने अपनी द्विमासिक नीति समीक्षा में दरों में 0.25 फीसदी की वृद्धि कर सकता है। डीबीएस ग्रुप की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि खुदरा महंगाई अभी भी ज्यादा है।