सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रत रॉय के खिलाफ अब किसानों ने खोला मोर्चा 

मुंबई- सहारा इंडिया कंपनी और उसके प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। एक समय स्टारडम हासिल था, उस सहाराश्री के दिन फिर गए हैं। उनकी टेंशन खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। पूरे देश भर में सुब्रत रॉय के खिलाफ मुकदमे दाखिल हो रहे हैं।  

सूरत में सौ से अधिक किसानों ने बीते बुधवार को सहारा इंडिया परिवार के प्रमुख सुब्रत रॉय और उनकी निवेश फर्म के प्रबंधकों के खिलाफ 88.67 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस की गई शिकायत में किसानों ने बताया है कि उन्होंने साल 2008 में सूरत जिले के कदोदरा स्थित सहारा समूह की शाखा में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 57.62 लाख रुपये का निवेश किया था। 114 से अधिक उसी गांव के अन्य निवासियों ने उसी वर्ष इन योजनाओं में 31.04 लाख रुपये का निवेश किया था। 

पुलिस के मुताबिक, निवेश का मैच्योरिटी पीरियड साल 2018 और 2021 के बीच का था। हालांकि, जब निवेशक रुपये निकालने गए तो शाखा प्रबंधक ने कुछ बहाना बनाया। निवेशकों को कुछ दिन बाद आने को कहा गया था, लेकिन शाखा कुछ दिनों से बंद पाई गई है। इसके बाद निवेशकों ने सरोली पुलिस से संपर्क किया और लखनऊ निवासी के साथ उनकी फर्म के महाप्रबंधक, एरिया मैनेजर और शाखा प्रबंधक के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। 

एक समय देश में सहारा इंडिया कई तरह की योजनाएं चलाती थी। सहारा का कारोबार रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया , एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रियर एस्टेट, रिटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी तक फैल चुका था। सहारा ने रीयल एस्टेट कंपनी और हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कार्पोरेशन के जरिये बड़े स्तर पर देश भर में जमीन खरीदी, विकसित की और कई आवासीय योजनाएं शुरू की।  

सहारा ने लखनऊ के अलावा कानपुर, गोरखपुर, हैदराबाद, भोपाल, कोच्चि, गुड़गांव और पुणे आदि में सहारा ने आवासीय योजनाएं शुरू कीं थीं। कभी देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार रही सहारा इंडिया में एक समय देश के करोड़ों लोगों ने निवेश किया था। 

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