बैंकों में जमा रिकॉर्ड 172 लाख करोड़ पर, कर्ज वृद्धि में 17.9 फीसदी की तेजी
मुंबई- बैंकों में 21 अक्तूबर के हफ्ते में जमा रिकॉर्ड स्तर 172.03 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। कोरोना के समय यानी सिंतबर, 2020 से देखें तो इसमें 30 लाख करोड़ की बढ़त आई है। उस समय जमा 142.63 लाख करोड़ रुपये था। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 7 अक्तूबर को समाप्त हफ्ते में 172.72 लाख करोड़, 23 सितंबर को 170.31 और 9 सितंबर को यह 170.56 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि, 21 अक्तूबर को समाप्त हफ्ते में बैंकों के कर्ज में 17.9 फीसदी की वृद्धि आई है जो एक साल पहले केवल 5.7 फीसदी थी। इसी दौरान जमा वृद्धि एक साल पहले के 9.9 फीसदी की तुलना में केवल 9.5 फीसदी रही है।
आईसीआईसीआई बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री समीर नारंग कहते हैं कि कर्ज में इतनी ज्यादा वृद्धि इसलिए हैं क्योंकि आवास, कृषि, वाहन और अन्य क्षेत्रों से बहुत ज्यादा मांग आ रही है। आगे भी इसी तरह की मांग दिखेगी। क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 और 2024 में कर्ज की रफ्तार 15 फीसदी की दर से बढ़ सकती है।
क्रिसिल के अनुसार, 4-5 साल पहले बैंकों के भारी भरकम बुरे फंसे कर्ज (एनपीए), आरबीआई द्वारा कुछ बैंकों पर प्रतिबंध और साथ ही सीमित पूंजी के कारण कर्ज देने में दिक्कत आ रही थी। पर अब बैलेंसशीट साफ होने से बैंक जमकर कर्ज दे रहे हैं। ऐसे में अनुमान है कि 2024 में बैंकों की कुल उधारी 164 लाख करोड़ रुपये हो सकती है जो अभी 128.89 लाख करोड़ रुपये है। सितंबर, 2020 में यह 104 लाख करोड़ रुपये थी।
बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, आगे अगर आरबीआई दरों में इजाफा करता है तो भी कर्ज की रफ्तार में इसी तरह से तेजी बनी रहेगी। इसमें पर्सनल और सेवाओं को दिए जाने वाले कर्ज में ज्यादा तेजी रहेगी। आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर सेक्टर को दिए गए कर्ज मे तेजी रही है जबकि शिपिंग और एविएशन के कर्ज में गिरावट आई है।
कर्ज की तुलना में जमा में कम वृद्धि की चिंताओं पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास आज सरकारी बैंकों के प्रमुखों से मिलेंगे। इस मुलाकात में बैंकों से जमा को बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी, ताकि तेजी से आ रही उधारी की मांग को पूरी की जा सके।
ऐसी रही कर्ज की रफ्तार (आंकड़े सितंबर तक के और करोड़ रुपये में)
सेगमेंट | 2021 | 2022 | वृद्धि |
कंज्यूमर ड्यूरेबल | 20,584 | 33,506 | 60.7 फीसदी |
पर्सनल लोन | 30,95,346 | 37,02,006 | 19.6 फीसदी |
शेयर और बॉण्ड्स | 5,657 | 6,636 | 17.3 फीसदी |
क्रेडिट कार्ड | 131,461 | 167,179 | 27.2 फीसदी |
वाहन | 374,951 | 449,531 | 19.9 फीसदी |
ज्वेलरी | 72,111 | 80,617 | 11.8 फीसदी |
मध्यम उद्योग | 257,187 | 371,997 | 44.6 फीसदी |
एफडी | 71,894 | 96,332 | 34 फीसदी |