अच्छे और बुरे बिल्डरों के बीच पहचान के लिए हो विश्वसनीय ढांचा 

मुंबई- अच्छे और बुरे रियल एस्टेट डेवलपर के बीच अंतर करने के लिए एक विश्वसनीय ढांचे की जरूरत है। इससे रियल्टी क्षेत्र को परियोजनाओं के निर्माण के लिए बैंकों से आसानी से कर्ज मिल सकेगा और ग्राहकों के पैसे पर उनकी निर्भरता नहीं रहेगी। आवास एवं शहरी मामलों के सचिव मनोज जोशी ने कहा, रियल एस्टेट विशेष रूप से आवासीय परियोजनाओं का वित्तपोषण बड़े पैमाने पर ग्राहकों से मिली अग्रिम रकम से किया जाता है। इस मॉडल को बदलने की जरूरत है। 

जोशी ने कहा, परियोजनाओं के निर्माण में देरी का एक मुख्य कारण नकदी प्रवाह होता है। मुख्य ठेकेदारों और छोटे विक्रेताओं के स्तर पर कोई बैंक कर्ज उपलब्ध नहीं कराता। इससे परियोजनाओं में देरी होती है और लागत प्रभावित होती है। वित्तीय संस्थान खराब परियोजनाओं और अच्छी परियोजनाओं के बीच अंतर करने में असमर्थ हैं। रियल एस्टेट क्षेत्र में कुछ खराब परियोजनाओं, कुछ खराब कर्जदारों के कारण, आप पूरे क्षेत्र को कर्ज देने के लिए खराब नहीं बता सकते। 

सचिव ने कहा कि सामान्य तौर पर बैंकिंग उद्योग सभी के साथ एक जैसा व्यवहार करने की नीति बनाता है। चाहे वह अच्छा कर्जदार हो या बुरा कर्जदार। चूंकि हमारे पास सरकारी बैंकिंग उद्योग अधिक है, इसलिए हमारी मूल्यांकन प्रणाली इतनी तेज नहीं है। मुझे लगता है कि इस क्षेत्र को सक्षम करने के लिए एक बेहतर रेटिंग प्रणाली या एक बेहतर मूल्यांकन प्रणाली के माध्यम से नियामकों को सक्षम करने की आवश्यकता है। 

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