भयंकर बारिश से फसलों का भारी नुकसान, बढ़ सकती है खाद्य कीमतें
मुंबई- देश के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। इसमें धान, सोयाबीन, कपास और दलहन शामिल है। इससे आने वाले दिनों में खाने-पीने की चीजों के दाम और बढ़ने की आशंका है। महंगाई पहले ही आरबीआई के दायरे से ऊपर बनी हुई है। ऐसे में महंगाई बढ़ती है तो केंद्रीय बैंक इसे रोकने के लिए रेपो रेट में फिर बढ़ोतरी कर सकता है।
आरबीआई महंगाई को रोकने के लिए मई से चार बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर चुका है। इस दौरान ब्याज दर में 1.90 फीसदी का इजाफा किया जा चुका है। खाने पीने की चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ने गेहूं, चावल और चीनी के निर्यात पर बंदिश लगाई थी। अगर कीमतें फिर बेकाबू होती हैं तो सरकार को अतिरिक्त उपाय करने पड़ सकते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बाराबंकी के एक किसान ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में इतनी बारिश हुई है कि धान से अंकुर फूटने लगे हैं। कई इलाकों में धान की फसल पूरी तरह चौपट हो गई है। किसानों को अब मौसम के सामान्य होने का इंतजार है ताकि वे खेतों को साफ करके आलू की फसल लगा सकें।
इस बार जून में बारिश देर से शुरू हुई और फसल अब जाकर तैयार हुई है। लेकिन देश के पश्चिमोत्तर और पूर्वी हिस्सों में भारी बारिश हो रही है जिससे दक्षिण-पश्चिम मॉनसून देर तक बना हुआ है। आईएमडी के एक अधिकारी के मुताबिक देश के उत्तरी और पूर्वी इलाकों में अगले दो-तीन दिन भारी बारिश होने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश धान उत्पादन के मामले में देश में दूसरे नंबर पर है। राज्य में अक्टूबर में अब तक सामान्य से 500 परसेंट ज्यादा बारिश हो चुकी है। इसी तरह मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और राजस्थान में भी भारी बारिश के कारण फसलों को नुकसान पहुंचा है। इससे उत्पादन में कमी के साथ-साथ अनाज की क्वालिटी भी प्रभावित हो सकती है।
कुछ स्थानों पर फसल पूरी तरह पक चुकी थी और कुछ जगहों पर कटी हुई फसल सूख रही थी। देश में खरीफ की फसल जून-जुलाई में बोई जाती है और सितंबर के मध्य से इनकी कटाई शुरू होती है। रॉयटर्स ने मुंबई के एक डीलर के हवाले से कहा था कि फसल खराब होने से खाने पीने की चीजों की कीमत और बढ़ सकती है।
डीलर ने कहा कि सरकार और आरबीआई पर महंगाई को कम करने का दबाव है। फसल उत्पादन में कमी से निर्यात पर और पाबंदियां लग सकती हैं। केंद्रीय बैंक मई के बाद से चार बार रेपो रेट बढ़ा चुका है। खाने-पीने की चीजों में बढ़ोतरी से आरबीआई आगे भी रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है। रेपो रेट बढ़ने से बैंकों की बोरोइंग कॉस्ट बढ़ जाती है और वे इसका बोझ ग्राहकों पर डालते हैं। इससे होम लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो जाते हैं।