423 इन्फ्रा परियोजनाओं की लागत 4.95 लाख करोड़ रुपये बढ़ी 

मुंबई- कुल 1,568 परियोजनाओं में से 150 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश वाली 423 इन्फ्रा परियोजनाओं की लागत 4.95 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई है। जबकि 721 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं।  

इन्फ्रा परियोजनाओं की निगरानी करने वाले सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कुल 1,568 परियोजनाओं की वास्तविक लागत 21,59,802 करोड़ रुपये थी। पर इनको पूरा करने की लागत अब बढ़कर 26,54,818 करोड़ रुपये हो गई हैं। जिसका मतलब करीबन 22.92 फीसदी लागत बढ़ गई है। 

मंत्रालय ने मई के जारी आंकड़े में बताया कि इन परियोजनाओं पर अब तक कुल 13,42,535 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। यानी बढ़ी हुई लागत का 50.57 फीसदी खर्च हुआ है। हालांकि हालिया पूरा होने वाले समय को आधार मानें तो देरी वाले प्रोजेक्ट में कमी आई है और यह 563 रह गए हैं। 569 प्रोजेक्ट के न तो शुरू होने का और न ही पूरा होने का समय बताया गया है। 

कुल 721 देरी वाली परियोजनाओं में 113 ऐसी हैं जो एक महीने से लेकर 12 महीने तक देरी से चल रही हैं। 121 प्रोजेक्ट 13 से 24 और 350 प्रोजेक्ट 25 से 60 एवं 137 परियोजनाएं 61 महीने और उससे ज्यादा समय से देरी से चल रही हैं। इस तरह से 721 परियोजनाओं में कुल 43.34 महीने की देरी हुई है। 

परियोजनाओं की देरी का सबसे बड़ा कारण जमीनों के अधिग्रहण और वन विभाग की मंजूरी है। साथ ही पर्यावरण विभाग की मंजूरी और इंफ्रा की कमी के कारण भी देरी होती है। 

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