छोटे निवेशकों के लिए अच्छी खबर, छोटी स्कीम पर बढ़ सकता है ब्याज
नई दिल्ली: महंगाई से जूझ रहे छोटे निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। इस महीने के अंत में छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज की समीक्षा होनी है। सरकारी बॉन्ड यील्ड में तेजी आ रही है और माना जा रहा है कि छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जा सकती है। छोटी बचत योजनाओं में पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना, सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स (NSC) शामिल हैं। इन योजनाओं को पोस्ट ऑफिस स्कीम्स यानी डाकघर योजनाएं कहा जाता है। 10 साल की मैच्योरिटी वाले बॉन्ड्स पर यील्ड अप्रैल 2022 से सात फीसदी से ऊपर बनी हुई है। जून से अगस्त 2022 के दौरान इसका औसत 7.31 फीसदी है।
वित्त मंत्रालय ने 18 मार्च, 2016 को एक फॉर्मूला नोटिफाई किया था। इसमें सरकारी बॉन्ड्स की तीन महीने की एवरेज यील्ड प्लस 25 बेसिस पॉइंट्स के आधार पर ब्याज दर तय होती है। इसके मुताबिक अगली तिमाही में पीपीएफ की ब्याज दर 7.56 फीसदी तक जा सकती है। अभी पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसदी है। इसी तरह सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर 8.3 फीसदी पहुंच सकती है। अभी इस पर ब्याज दर 7.6 फीसदी है। फॉर्मूले के मुताबिक सरकारी बॉन्ड पर तीन महीने की एवरेज यील्ड प्लस 75 बेसिस पॉइंट्स के आधार पर इसकी ब्याज दर तय होती है।
हालांकि सरकार हमेशा इस फॉर्मूले के आधार पर ब्याज दरों को तय नहीं करती है। इससे पहले अप्रैल-जून, 2020 की तिमाही में छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में बदलाव किया गया था। तब ब्याज दरों में कमी की गई थी। उसके बाद से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि हाल के महीनों में सरकारी यील्ड में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। इससे उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले दिनों में छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जा सकती है।
30 सितंबर को स्मॉल सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दरों की समीक्षा होनी है। सरकार की तरफ से स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स पर ब्याज की हर तीन महीने में समीक्षा की जाती है। इस समीक्षा के दौरान ब्याज दर को बढ़ाने, घटाने या स्थिर रखने पर फैसला किया जाता है। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की तरफ से इन ब्याज दरों को तय किया जाता है। यह समीक्षा अक्टूबर से दिसंबर 2022 की तिमाही के लिए होनी है। मंहगाई को रोकने के लिए आरबीआई हाल में तीन बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर चुका है। इसके बाद कई बैंकों ने एफडी पर ब्याज दर में इजा