महंगाई के मोर्चे पर राहत नहीं, सितंबर तक बढ़ेंगी दाल चावल की कीमतें
मुंबई- महंगाई के मोर्चे पर फिलहाल कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है। रॉयटर्स के एक पोल में सामने आया है कि अप्रैल महीने में महंगाई 18 महीने के शीर्ष पर जा सकती है जो 7.5 फीसदी से ऊपर रह सकती है।
महंगाई के आंकड़े 12 मई को जारी किए जाएंगे। ईंधन की कीमतें और खाद्य पदार्थों के भाव लगातार चार महीने से रिजर्व बैंक के लक्ष्य से ऊपर बने हुए हैं, जिसका असर दिखने की संभावना है। ईंधन की कीमतें अप्रैल में लगातार बढ़ी थीं और पेट्रोल-डीजल प्रति लीटर 10 रुपये महंगे हो गए थे।
इसके पहले विधानसभा चुनावों के कारण लंबे समय से ईंधन की कीमतें स्थिर थीं। रूस-यूक्रेन की वजह से एनर्जी के दाम लगातार ऊपर बने हुए हैं। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि महंगाई की दर अगर ऊपर रहती है तो यह कोई चौंकाने वाली बात नहीं है।
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) में खाद्य पदार्थों का योगदान आधा रहता है। यह मार्च में 17 महीने के ऊपरी स्तर 6.95 फीसदी पर पहुंच गया था। सब्जियों और खाने के तेल की ज्यादा कीमतों के कारण आगे भी इसके ऊपर बने रहने की उम्मीद है।
पोल में कहा गया है कि थोक महंगाई की दर भी 14.48 फीसदी अप्रैल में रह सकती है। यानी पूरे साल में यह दोहरे अंक में ही रह सकती है। पोल के मुताबिक, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में सीपीआई अप्रैल में .55 फीसदी बढ़ सकता है।
अगर अप्रैल में महंगाई की दर 7.5 फीसदी होती है तो यह आरबीआई के लिए और चिंता पैदा कर सकती है। इस वजह से रिजर्व बैंक जून में होने वाली एमपीसी की बैठक में दरों को और ज्यादा बढ़ा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बढ़ती महंगाई को काबू में रखने के लिए दरों में इजाफा किया है।
2018 के बाद 4 मई को पहली बार इसने रेपो रेट को 40 बीपीएस बढ़ाकर 4.40 फीसदी पर कर दिया था। यह एक चौंकाने वाला मामला था, क्योंकि बैंक की मीटिंग जून में होनी है और उससे पहले ही यह फैसला ले लिया गया। इस साल अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपया 4 फीसदी से ज्यादा टूटा है। सोमवार को यह अपने ऐतिहासिक निचले स्तर 77.44 पर पहुंच गया था।
एसबीआई की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि महंगाई की दर कम से कम एक साल तक ऊपरी स्तर पर बनी रहेगी। रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट बढ़ाने के बाद जारी रिपोर्ट में इसके मुख्य अर्थशास्त्री सौम्यकांति घोष ने कहा कि अप्रैल में महंगाई ऊपर जाने के बाद थोड़ा कम तो होगी, पर सिंतबर तक यह 7 फीसदी के ऊपर ही बनी रहेगी।