जानिए कितनी सुरक्षा है रूस के राष्ट्रपति की, खाना पहले किसी और को चखाया जाता है
मुंबई- बुलेटप्रूफ ब्रीफकेस और हाई पॉवर पिस्टल के साथ बॉडीगार्ड, खाना चखने वाले लोग, ये कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर खुद को दुश्मनों बचाते हैं। अमेरिकी रिपब्लिकन सांसद लिंड्से ग्राहम ने पुतिन की निंदा की थी। उन्होंने कहा था- क्या रूसी सेना में कोई ब्रूटस या कर्नल स्टफनबर्ग जैसा कोई है। क्योंकि पुतिन को रोकने का इससे बेहतर तरीका नहीं है।
ब्रूटस वही आदमी था, जिसने रोमन जनरल जूलियस सीजर की हत्या की थी। वहीं, कर्नल स्टफनबर्ग जर्मन सेना के अधिकारी थे, जिन्होंने हिटलर की हत्या की कोशिश की थी। ऐसे में ग्राहम ने सीधे तौर पर पुतिन की हत्या के लिए कहा था। पुतिन के बारे में लोग उतना ही जानते हैं, जितना वह बताना चाहते हैं। वह एक पूर्व KGB एजेंट हैं और अपनी सुरक्षा-सेहत को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं। उनकी सिक्योरिटी हमेशा सख्त रहती
है। कोरोना से बचने के लिए उन्होंने एडवाइजर तक से 20 फीट दूरी बना ली थी। 2020 में जब वह मॉस्को अस्पताल में कोरोना के मरीजों को देखने गए थे तो उन्होंने एक स्पेशल सूट पहना था। पुतिन के बॉडीगार्ड खुद को उनके “मस्किटियर्स” कहते हैं। इनमें रूस की फेडरल सिक्योरिटी फोर्स (FPS) या FSO के लोग शामिल होते हैं। इनके पास बिना किसी वारंट के तलाशी और निगरानी, गिरफ्तारी और अन्य सरकारी एजेंसियों को आदेश जारी करने का अधिकार है।
‘बियॉन्ड रशिया’ वेबसाइट के मुताबिक, पुतिन के बॉडीगार्ड्स को कई टेस्ट पास करने पड़ते हैं। इनमें ऑपरेशनल साइकोलॉजी, शारीरिक सहनशक्ति, ठंड का सामना करने की क्षमता और गर्मी में पसीना नहीं आना शामिल है। ये बॉडीगार्ड हमेशा बुलेटप्रूफ जैकेट पहने होते हैं। उनके पास बुलेटप्रूफ ब्रीफकेस और रूसी निर्मित 9 मिमी एसआर -1 वेक्टर पिस्टल भी होती है।
पुतिन की विदेश यात्रा से पहले, उनकी टीमें महीनों पहले से उन जगहों पर नजर रखती हैं, जहां उन्हें जाना है। इस दौरान बारीक चीज से लेकर जनता की प्रतिक्रिया कैसे होगी, मौसम कैसा होगा इसकी जांच की जाती है। पुतिन जहां भी रुकते हैं, वहां जैमिंग डिवाइस भी लगाई जाती हैं।
सड़क पर पुतिन एक हथियारों से लैस कानवाय यानी काफिले के साथ चलते हैं। इनमें एके -47, टैंक-रोधी ग्रेनेड लॉन्चर और पोर्टेबल एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें शामिल हैं। जब पुतिन भीड़ में होते हैं तो सुरक्षा के चार घेरों में होते हैं, लेकिन इसमें से सिर्फ एक सेक्शन उनके बॉर्डीगार्ड ही दिखाई देते हैं। दूसरा घेरा भीड़ के बीच छिपा होता है। तीसरा घेरा भीड़ के किनारे पर होता हैा। इसके अलावा आसपास की छतों पर स्नाइपर्स भी बैठे होते हैं।
पुतिन के बॉडीगार्ड को 35 साल की उम्र के बाद रिटायर कर दिया जाता है। हालांकि, उन्हें रिटायरमेंट के बाद विशेष सुविधाएं दी जाती हैं। उन्हें गवर्नर, मंत्री, स्पेशल फोर्स में ऑफिसर के रैंक दिए जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी पुतिन के खाने को टेस्ट करता है, ताकि ये पता लाया जा सके कि उन्हें जहर ना दिया जा रहा हो। माना जाता है कि FSO कभी-कभी पुतिन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके बॉडी डबल का भी इस्तेमाल करता है।