ग्रीन एनर्जी में ग्लोबल लीडर बनेगा भारत, एशिया की होगी सदी
मुंबई- रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि ग्रीन एनर्जी में भारत ग्लोबल लीडर बनेगा। एशिया ने पिछले 20 सालों में बुरा समय देखा है। अब इसका समय आ चुका है और 21 वीं सदी एशिया की होगी। वे पुणे इंटरनेशनल सेंटर के कार्यक्रम एशिया इकोनॉमिक डायलॉग -2022 में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम 23 से 25 फरवरी तक चलेगा।
अंबानी ने कहा कि यह क्लीन और ग्रीन एनर्जी का समय है। नई पीढ़ी के उद्यमी भारत को अगले 20 साल में इसमें काफी मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत ग्रीन एनर्जी की ओर ट्रांजिशन की अगुवाई करेगा और कुछ दशक में सोलर और हाइड्रोजन एनर्जी में ग्लोबल लीडर बनेगा। अभी भारत सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) सेक्टर में लीडर है।
अंबानी ने कहा कि जैसे जब लकड़ी से कोयला में बदलाव हुआ तो यूरोप ने भारत और चीन को पीछे छोड़ा। उसी तरह क्रूड ऑयल से अमेरिका और पश्चिम एशिया के देश कहीं आगे निकल गए। अब भारत का समय है जब ग्रीन एनर्जी में यह देश आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया और कहा कि वे न्यू और क्लीन एनर्जी के बहुत बड़े समर्थक हैं।
अंबानी ने कहा कि भारत की ग्रोथ स्टोरी चीन से अच्छी है। इसके लिए तीन चीजों पर काम करना होगा। सबसे पहले भारत का ग्रोथ रेट 10% होना चाहिए। साथ ही एनर्जी बास्केट में क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी का हिस्सा बढ़ाना होगा। तीसरा काम आत्मनिर्भर का करना होगा। साथ ही अगले 10-15 सालों में भारत की कोयले पर निर्भरता खत्म हो जाएगी।
अंबानी ने कहा कि भारत जल्दी ही GDP के मामले में जापान को पीछे छोड़ देगा। पुणे इंटरनेशनल सेंटर के प्रेसीडेंट रघुनाथ माशलेकर से बातचीत के दौरान अंबानी ने कहा कि अगले 20 सालों में 20 से 30 भारतीय एनर्जी कंपनियां रिलायंस जितनी बड़े होने की कूवत रखती हैं। नई एनर्जी में दुनिया का निर्धारण एक बार फिर से करने की ताकत है।
उनके मुताबिक 2030 तक सकल घरेलू उत्पादन यानी GDP के मामले में भारत एशिया की दूसरी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। यानी यह चीन और अमेरिका के बाद तीसरे नंबर पर होगा। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी का केंद्र एशिया में शिफ्ट हो चुका है। इसकी GDP बाकी दुनिया से ज्यादा हो जाएगी।