डीमार्ट के लिए नई चुनौतियां ला सकता है रिलायंस रिटेल, अंबानी और बियानी की डील से रिटेल में तेज होगी प्रतिस्पर्धा
मुंबई- रिलायंस रिटेल द्वारा फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग बिजनेस को खरीदने के साथ ही मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली इस कंपनी ने भारत के रिटेल स्पेस में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है। हालांकि, यह कदम अब राधाकिशन दमानी के डीमार्ट के लिए नई चुनौतियां पेश करेगा। डीमार्ट अब तक बिना किसी कंपटीशन के भारत में अपना पैर तेजी से पसार रहा था।
अब रिलायंस रिटेल के पास बड़ा फुटप्रिंट हो गया है और इसके साथ अब डीमार्ट काफी हद तक रिटेल मार्केट में दूसरे नंबर पर आ गया है। डी मार्ट की पैरेंट कंपनी एवेन्यू सुपरमार्ट्स के शेयर सोमवार को 4.6 प्रतिशत गिर गया। फ्यूचर रिटेल का शेयर 19 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहा था। रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर हालांकि बिना बढ़त या घाटे के कारोबार कर रहा था।
विश्लेषकों के मुताबिक जाहिर है मध्यम टर्म में सौदे से डीमार्ट जैसी कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है। क्योंकि वे इससे पहले बाजार में आसानी से कारोबार कर रहे थे। बियानी की डील के बाद रिलायंस का कुल ग्रॉसरी और फैशन रेवेन्यू अब डीमार्ट से दोगुना हो जाएगा।
हालांकि इस सौदे को पूरा होने में कुछ समय लग सकता है। अब रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी एक मजबूत कंपनी के हाथों में बागडोर आ जाने के साथ ही ऑनलाइन और ऑफलाइन सेक्टर में प्रतिस्पर्धा तेज हो जाएगी। रिटेल स्पेस के मामले में रिलायंस के पास 4 करोड़ स्क्वेयर फीट ज्यादा एरिया होगी। जबकि एवेन्यू सुपरमार्ट्स एक करोड़ स्क्वेयर फीट से कम रिटेल स्पेस के साथ काफी पीछे होगा।
इस अधिग्रहण से रिलायंस इंडस्ट्रीज में एक मजबूती दिखी, जिसमें एक स्वस्थ बैलेंस शीट वाली कंपनी किशोर बियानी के फ्यूचर रिटेल जैसी कमजोर कंपनी का टेक ओवर कर लिया। क्रेडिट सुइस ने एक नोट में कहा कि ग्रोसरी मार्केट में तीन मुख्य खिलाड़ियों में एवेन्यू और रिलायंस के पास मजबूत बैलेंस शीट थी। जबकि फ्यूचर रिटेल का बैलेंस शीट काफी ऐवरेज था।
रिलायंस ने अधिग्रहण के साथ अपनी रिटेल मार्केट हिस्सेदारी को बढ़ाकर 38 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 22 प्रतिशत पर थी। ऑनलाइन रिटेल स्पेस के साथ पहले से ही अमेजन और फ्लिपकार्ट के फोकस को शिफ्ट करने के साथ ही डीमार्ट के पास बाजार प्रभुत्व (market dominance) के लिए अब रिलायंस भी है।
स्टोर्स के लिहाज से अधिग्रहण के बाद रिलायंस रिटेल के पास 13,000 से ज्यादा स्टोर हैं जबकि एवेन्यू सुपरमार्ट्स के करीब 200 स्टोर हैं। यह सौदा डी मार्ट के लिए प्रतिस्पर्धा पैदा करेगा जो रिटेल स्पेस में तेजी से कदम जमा रहा था। यह देखना ज्यादा दिलचस्प होगा कि भविष्य में रिलायंस डील को बैंक कैसे हैंडल करेंगे।