क्रिप्टोकरेंसी के नाम से ये ऐप्स कर रहे हैं धोखाधड़ी, जानिए कौन से ऐप्स हैं

मुंबई- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर अकाउंट हैक होने के बाद क्रिप्टोकरेंसी फिर चर्चा में है। 11 दिसंबर को रात 2.14 बजे PM के ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया गया जिसमें लिखा था- ‘भारत ने आखिरकार बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में स्वीकार कर लिया है। सरकार ने आधिकारिक रूप से 500 बिटकॉइन खरीदे हैं और उन्हें देश के सभी नागरिकों को बांटा जा रहा है। 

के देश में 10 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। जिन्होंने 6 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। लोगों के इसी निवेश का कुछ ऐप्स गलत फायदा उठा रहे हैं। इन ऐप्स के जरिए लोगों का पैसा चुराया जा रहा है। इन प्रमुख ऐप्स में BitFunds – Crypto Cloud Mining, Bitcoin Miner – Cloud MiningBitcoin (BTC) – Pool Mining Cloud WalletCrypto Holic – Bitcoin Cloud MiningDaily Bitcoin Rewards – Cloud Based Mining SystemBitcoin 2021MineBit Pro – Crypto Cloud Mining & btc mine और Ethereum (ETH) – Pool Mining Cloud हैं। 

क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े इन 8 में से 2 पेड ऐप्स थे। Crypto Holic – Bitcoin Cloud Mining ऐप की कीमत 12.99 डॉलर (लगभग 965 रुपए) और Daily Bitcoin Rewards ऐप की कीमत 5.99 डॉलर (लगभग 445 रुपए) है। 

सिक्योरिटी रिसर्च फर्म ट्रेंड माइक्रो ने बताया था कि गूगल प्ले स्टोर पर कई ऐसे ऐप्स हैं, जो यूजर्स को ठगने का काम कर रहे हैं। ये 8 ऐप्स विज्ञापन और सब्सक्रिप्शन सर्विस के जरिए यूजर्स से हर महीने औसतन 15 डॉलर (लगभग 1,100 रुपए) उड़ा लेते थे। ये ऐप्स यूजर्स को माइनिंग के जरिए आम यूजर्स से ज्यादा पैसा कमाने का लालच देकर अतिरिक्त पेमेंट कराते थे। बदले में यूजर्स को कुछ नहीं मिलता था। 

जो ऐप्स गूगल प्ले स्टोर पर नहीं मिलते उन्हें APK फाइल की मदद से फोन में इन्स्टॉल किया जा सकता है। यदि इन ऐप्स से आपके डिवाइस को नुकसान पहुंचता है तब इसकी जिम्मेदारी आपकी होती है। दरअसल, ऐसे कई ऐप्स में नाम कुछ और होता है और इन्स्टॉल करने के बाद ऐप कुछ और निकलता है।  

ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, चीन, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग, इटली, जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के अधिकतर राज्यों में क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट किया गया है। ऐसे में इस क्रिप्टोकरेंसी को कमोडिटी या एसेट के तौर पर भारत में इस्तेमाल हो सकेगी। सही तस्वीर क्या होगी, यह तो संसद में बिल पेश होने के बाद ही पता चलेगा।’ 

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